Silver Price: इन दिनों बाजार में किसी भी संपत्ति में एकतरफा उछाल हमेशा ही चिंता का विषय रहा है, खासकर जब बात किसी ऐसे कमोडिटी की हो जिसका औद्योगिक उपयोग व्यापक हो। ठीक ऐसी ही चिंता अब ग्लोबल आइकॉन एलन मस्क ने चांदी की कीमतों में जारी बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर व्यक्त की है। उनके इस बयान ने एक बार फिर औद्योगिक जगत में भूचाल ला दिया है, क्योंकि चांदी का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों तक, हर जगह बढ़ता जा रहा है।
चांदी की कीमत: एलन मस्क की चेतावनी और बाजार में बढ़ते दबाव का विश्लेषण
बढ़ती चांदी की कीमत: क्यों चिंतित हैं एलन मस्क और उद्योग जगत?
एलन मस्क, जो टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी दिग्गज कंपनियों के मुखिया हैं, ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर चांदी की कीमतों में हो रही असाधारण वृद्धि को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि "यह सही नहीं है। चांदी का कई औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोग होता है।" मस्क का यह बयान ऐसे समय आया है जब चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों से लेकर सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) जैसे उत्पादों के निर्माताओं की लागत बढ़ने का डर सता रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने टिप्पणी की, "मैंने आप सभी को चेतावनी देने की कोशिश की थी। आप जानते हैं कि यह कितना बुरा है जब एलन मस्क चांदी की कीमत के बहुत अधिक बढ़ने को लेकर चिंतित हैं।" यह दिखाता है कि सिर्फ उद्योग जगत ही नहीं, बल्कि आम निवेशक और तकनीकी विशेषज्ञ भी इस मुद्दे पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। चांदी में यह तेजी केवल एक कमोडिटी का भाव नहीं बढ़ा रही, बल्कि कई उद्योगों की रीढ़ को प्रभावित कर रही है।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी का भाव 75 डॉलर प्रति औंस के आंकड़े पर पहुंच गया है, जो निवेशकों और खरीदारों दोनों के लिए चौंकाने वाला है। घरेलू बाजार में भी चांदी की कीमतें उच्चतम स्तर पर बनी हुई हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर तो चांदी ने इंट्राडे में 2,54,174 रुपए प्रति किलो का रिकॉर्ड स्तर छू लिया था। यह बढ़ोतरी सिर्फ निवेश के कारण नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई जटिल आर्थिक और औद्योगिक कारक जिम्मेदार हैं।
एनालिस्ट्स का मानना है कि निवेश मांग, सप्लाई में कमी और बढ़ती औद्योगिक मांग ने चांदी की इस तेजी को पंख दिए हैं। चांदी ने सोने और बड़े स्टॉक्स सहित अन्य अधिकांश एसेट्स को पीछे छोड़ दिया है। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि सोने की तुलना में चांदी के पास बड़े रिजर्व नहीं हैं, जिससे सीमित सप्लाई का असर कीमतों पर और भी गहरा हो जाता है। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव और बढ़ गया, जिसने बाजार को और अस्थिर बना दिया। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहनों और डेटा सेंटर्स जैसे क्षेत्रों में चांदी की बढ़ती औद्योगिक मांग ने वैश्विक इन्वेंट्री को काफी कम कर दिया है। इस कारण आने वाले समय में भी कीमतों पर दबाव बने रहने की संभावना है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
एक्सिस म्यूचुअल फंड की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चांदी की कीमत ने 2025 में सालाना आधार पर लगभग 158 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है। हालांकि, रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि अत्यधिक मूल्यांकन (overvaluation) के चलते एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) से पैसा निकल सकता है, या तांबे की कीमतों में गिरावट का असर चांदी की कीमतों पर भी पड़ सकता है। यह दर्शाता है कि यह तेजी एक दोधारी तलवार है, जिसके साथ सावधानी बरतनी जरूरी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।







