Bangladesh Minorities Violence: पड़ोस में जब मानवता सिसकती है, तो दर्द सरहदों को लांघ जाता है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर अब भारत की आवाज बुलंद हुई है। प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने केंद्र सरकार से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का आह्वान किया है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा: दोहरे मापदंड पर कुमार विश्वास का तीखा वार
प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध जारी हिंसा पर तत्काल और गंभीर संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने इस स्थिति को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि भारत सरकार इस मामले पर विचार कर रही है, और उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने पर जोर दिया। विश्वास ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कुछ लोग अज्ञात हमलावरों द्वारा भारत में की गई हत्याओं पर कड़ा विरोध जताते हैं और बिना किसी उचित कारण के भारत सरकार को इसमें घसीटने की कोशिश करते हैं, वहीं पड़ोसी देश में जब अल्पसंख्यकों के खिलाफ क्रूर हिंसा होती है, तो वे चुप्पी साध लेते हैं। कुमार विश्वास के अनुसार, यह खामोशी ऐसे लोगों के स्पष्ट “दोहरे मापदंड” को उजागर करती है।
पत्रकारों से बातचीत में, विश्वास ने इस घटना को “बेहद दुखद” करार दिया और भारत सरकार से इसका कड़ा संज्ञान लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।” उन्होंने उन लोगों से निवेदन किया जो हर छोटी-बड़ी घटना पर अत्यधिक हंगामा करते हैं – “वे भारत में अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई हत्याओं को लेकर चिंतित तो हैं, लेकिन किसी न किसी तरह भारत सरकार के हस्तक्षेप को इसमें घसीट लेते हैं, जबकि भारत सरकार का इससे क्या लेना-देना है? लेकिन जब एक निर्दोष अल्पसंख्यक समुदाय को बेरहमी से जिंदा जला दिया जाता है, और ऐसे समय में जब लोग कोई बयान नहीं देते, चिंता व्यक्त नहीं करते, तो यह उनके दोहरे मापदंड को दर्शाता है।” कुमार विश्वास ने उम्मीद जताई कि पूरी दुनिया इस पर ध्यान देगी और बांग्लादेश में हिन्दू उत्पीड़न को रोकने के लिए दबाव बनाएगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
हिंसा की भयावह दास्तां: अमृत मंडल और दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या
कुमार विश्वास की ये टिप्पणियां बांग्लादेश में जारी हिंसा में अमृत मंडल और दीपू चंद्र दास की हालिया, जघन्य हत्याओं के जवाब में आई हैं। आपको बता दें, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। 25 दिसंबर को जानकारी मिली थी कि राजबारी के पांगशा उप-जिले के कालीमोहोर संघ के होसेनडांगा गांव में अमृत मंडल नामक एक हिंदू युवक की जबरन वसूली के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और मंडल को गंभीर हालत में बचाया, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मृत्यु हो गई। मंडल की हत्या बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या और उसके बाद शव को जलाए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुई थी। यह घटनाएँ बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
कपड़ा कारखाने में काम करने वाले दीपू चंद्र दास को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने निर्ममता से पीट-पीटकर मार डाला और 18 दिसंबर को उनके शव को लटकाकर आग लगा दी थी। मयमनसिंह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अब्दुल्ला अल मामून के हवाले से बताया गया है कि कारखाने के एक अधिकारी ने पुलिस को सूचित किया था कि श्रमिकों के एक समूह ने दीपू पर कारखाने के अंदर हमला किया और उन पर फेसबुक पोस्ट में पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। इस प्रकार की घटनाओं ने पूरे विश्व में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता पैदा कर दी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



