Bihar Cold Wave: सर्द हवाओं ने ऐसी चादर तानी है कि सूरज भी दुबक कर बैठ गया है। उत्तर बिहार में हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने साल 2003 की यादें ताज़ा कर दी हैं।
उत्तर बिहार में शीतलहर का विकराल रूप
Bihar Cold Wave: पिछले दस दिनों से उत्तर बिहार के आसमान पर बादलों और घने कोहरे का राज है। सूरज के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं, जिससे दिन का तापमान लगातार गिर रहा है। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर सहित कई जिलों में “कोल्ड डे” की स्थिति बनी हुई है, जहां दिन भर कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। यह स्थिति 2003 की भीषण शीतलहर की याद दिला रही है, जब जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
कड़ाके की ठंड और घटता तापमान न केवल आम जनजीवन पर गहरा असर डाल रहा है, बल्कि कृषि क्षेत्र और स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर चुनौती बन गया है। खेतों में रबी फसलों को पाले से बचाने के लिए किसान चिंतित हैं। वहीं, अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक इस स्थिति में सुधार की उम्मीद कम है। घना कोहरा और ठंडी हवाएं ऐसे ही बनी रहेंगी। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़ों का प्रयोग करें।
कृषि और स्वास्थ्य पर दोहरी मार
वर्तमान शीतलहर ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। गेहूं, सरसों और आलू जैसी रबी की फसलों पर पाले का खतरा मंडरा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए उचित उपाय करें, जैसे हल्की सिंचाई और धुआं करना। यह भीषण ठंड सिर्फ फसलों पर ही नहीं, बल्कि पशुधन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शीतलहर के कारण हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी स्थितियों से बचने के लिए पर्याप्त उपाय करना आवश्यक है। गर्म पानी का सेवन करें, पौष्टिक आहार लें और शरीर को पूरी तरह से ढंक कर रखें। विशेषकर हृदय रोग और श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1, जो आपको हर पल की खबर से अपडेट रखता है। स्थानीय प्रशासन ने भी लोगों से अलाव का इंतजाम करने और जरूरतमंदों को कंबल बांटने की अपील की है ताकि कोई भी इस कड़ाके की ठंड का शिकार न हो।




