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दिसम्बर, 30, 2025

Bihar ATS का बड़ा एक्शन: आतंक पर कसेगी नकेल, दरभंगा समेत 5 शहरों में खुलेंगे नए दफ्तर, जानें पूरा प्लान

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Bihar ATS: बिहार में अब आतंक और अपराध की दाल नहीं गलने वाली, क्योंकि सरकार ने अपनी निगरानी की तीसरी आंख को और पैनी करने का फैसला कर लिया है। आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। बिहार पुलिस की विशेष इकाई, आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) के पांच नए क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की तैयारी पूरी हो चुकी है। ये कार्यालय पटना के अलावा गया, मोतिहारी, दरभंगा और पूर्णिया में स्थापित किए जाएंगे।

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Bihar ATS का नेटवर्क होगा और मजबूत

इस संबंध में जानकारी देते हुए एडीजी (विधि-व्यवस्था) पंकज कुमार दराद ने बताया कि इस विस्तार का प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग को भेज दिया गया है। पटना स्थित Bihar ATS मुख्यालय के अलावा इन चार नए क्षेत्रीय कार्यालयों के गठन की स्वीकृति मिलते ही कमांड ऑफिस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इन कार्यालयों के अधीन आसपास के जिलों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे दस्ते की कार्यक्षमता और निगरानी का दायरा काफी बढ़ जाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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इन नई इकाइयों की मुख्य जिम्मेदारी आतंकवाद से जुड़ी हरकतों के साथ-साथ धार्मिक उन्माद फैलाने वालों, राष्ट्रविरोधी तत्वों और संगठित आपराधिक गिरोहों पर बाज की तरह नजर रखना होगी। ये इकाइयां विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) के समानांतर काम करेंगी और हर क्षेत्रीय कार्यालय की कमान एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी जाएगी।

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सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक पैनी नजर

एडीजी ने बताया कि सीमा से सटे इलाकों में किसी भी तरह की संदिग्ध आतंकवादी गतिविधि पर ATS लगातार नजर बनाए हुए है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रविरोधी मामलों में जेल से छूटकर बाहर आए लोगों की भी निगरानी की जाती है और उनसे जुड़ी हर छोटी-बड़ी सूचना जुटाई जाती है। सोशल मीडिया पर भी दस्ते की पैनी नजर है। अब तक सोशल मीडिया निगरानी के दौरान 176 लोगों को चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित पाया गया है, जिनमें से 12 लोगों की काउंसलिंग कर उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने की कोशिश की गई है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/

राज्य में खुफिया तंत्र को और मजबूत करने के लिए सभी थानों में एक अधिकारी और एक सिपाही को विशेष तौर पर आसूचना संकलन का जिम्मा दिया गया है। ये पुलिसकर्मी नशीले पदार्थों, अवैध शराब, आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों से जुड़ी खुफिया जानकारी सीधे जिला और मुख्यालय स्तर तक पहुंचाएंगे।

विशेष ट्रेनिंग से लैस हैं SWAT कमांडो

ATS के तहत काम करने वाली विशेष स्वाट (स्पेशल वेपन एंड टैक्टिक्स) टीम भी पूरी तरह से मुस्तैद है। यह टीम राज्य के 257 संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। पिछले साल 194 और इस साल अब तक 41 महत्वपूर्ण जगहों पर मॉक ड्रिल और रेकी की जा चुकी है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि दस्ते को और घातक बनाने के लिए अब तक ATS के 176 कमांडो को मानेसर और कोलकाता स्थित उच्च स्तरीय प्रशिक्षण केंद्रों में विशेष ट्रेनिंग दी जा चुकी है। यह कदम बिहार में सुरक्षा व्यवस्था को एक नए स्तर पर ले जाने की तैयारी है।

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