Indian Economy: साल 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है और इसे आने वाले समय में एक ऐतिहासिक आर्थिक उछाल के तौर पर याद किया जाएगा। सरकार की वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष तेज़ आर्थिक वृद्धि, नियंत्रित महंगाई, निर्यात में अभूतपूर्व मजबूती और श्रम बाजार में जबरदस्त सुधार देखने को मिला। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत के प्रभावशाली स्तर पर पहुँच गई, जो पिछले छह वर्षों का उच्चतम रिकॉर्ड है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह आंकड़ा न केवल घरेलू निवेशकों बल्कि वैश्विक आर्थिक विश्लेषकों को भी चौंका रहा है, जो भारत के बढ़ते कद को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था: 2025 में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि, महंगाई नियंत्रण में और रोजगार मोर्चे पर सुधार
वैश्विक स्तर पर व्याप्त व्यापारिक चुनौतियों और भू-राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद, भारत की घरेलू मांग ने अर्थव्यवस्था को असाधारण गति प्रदान की। इसके परिणामस्वरूप, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की मजबूत GDP वृद्धि दर्ज की गई, जबकि चौथी तिमाही में यह 7.4 प्रतिशत रही। महंगाई भी पूरे साल निचले स्तर पर बनी रही, जिसने आम जनता को राहत प्रदान की। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) जनवरी 2025 में 4.26 प्रतिशत पर था, जो नवंबर तक प्रभावी रूप से घटकर लगभग 3.55 प्रतिशत रह गया। इसी प्रकार, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) भी नियंत्रण में रहा, जिससे वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनी रही और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपनी नीतिगत दरों में नरमी लाने का अवसर मिला।
भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत और ‘गोल्डीलॉक्स मूवमेंट’
रोजगार के मोर्चे पर भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने सकारात्मक रुझान दिखाया है। नवंबर 2025 में बेरोजगारी दर घटकर 4.7 प्रतिशत पर आ गई, जो अक्टूबर के 5.2 प्रतिशत के आंकड़े से एक महत्वपूर्ण गिरावट है और अप्रैल 2025 के बाद की सबसे बड़ी मासिक कमी मानी जा रही है। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों का सीधा परिणाम है। निर्यात क्षेत्र में भी उल्लेखनीय मजबूती दर्ज की गई। नवंबर में वस्तु निर्यात बढ़कर 38.13 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसके अलावा, सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से भारतीय सॉफ्टवेयर और व्यावसायिक सेवाओं की वैश्विक मांग में तीव्र वृद्धि देखने को मिली, जिसने देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
जीडीपी में उछाल और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का बढ़ता कद
सरकार ने इस संतुलित और स्थिर आर्थिक स्थिति को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए “गोल्डीलॉक्स मूवमेंट” बताया है। इस वाक्यांश का अर्थ है कि अर्थव्यवस्था में मजबूत मांग और नियंत्रित महंगाई के बीच एक आदर्श संतुलन बना हुआ है, जो दीर्घकालिक टिकाऊ वृद्धि के लिए अनुकूल है। इसी क्रम में, घरेलू उत्पादन को मापने वाला ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) भी वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 8.1 प्रतिशत पर पहुंच गया। इसमें औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों का विशेष रूप से महत्वपूर्ण योगदान रहा, जो अर्थव्यवस्था के विविधीकरण और मजबूती को दर्शाता है।
इन सभी सकारात्मक आंकड़ों और प्रवृत्तियों के परिणामस्वरूप, भारत की कुल GDP अब 4.18 ट्रिलियन डॉलर के प्रभावशाली स्तर तक पहुंच चुकी है। इस उपलब्धि के साथ, भारत आधिकारिक तौर पर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो वैश्विक मंच पर उसके बढ़ते प्रभाव और क्षमता का प्रमाण है। यह संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में भी मजबूती और निरंतरता के साथ आगे बढ़ती रहेगी, जिससे देश के नागरिकों के लिए समृद्धि और विकास के नए द्वार खुलेंगे, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





