back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 30, 2025

Chunnu Thakur: बिहार में खौफ का दूसरा नाम ‘चुन्नू ठाकुर’, कैसे हुआ माफियाराज का अंत?

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

Chunnu Thakur: अपराध की दुनिया में एक नाम ऐसा भी था, जिसकी एक हुंकार से बिहार में खौफ का साम्राज्य थर्रा उठता था। जुर्म का वो बेताज बादशाह, जिसके कारनामे आज भी किंवदंतियों में शुमार हैं, अब कानून के शिकंजे में कस चुका है।

- Advertisement -

बिहार में खौफ का दूसरा नाम ‘चुन्नू ठाकुर’, कैसे हुआ माफियाराज का अंत?

चुन्नू ठाकुर: अपहरण से शुरू हुआ जुर्म का अध्याय

बिहार का कुख्यात माफिया चुन्नू ठाकुर, जिसने दशकों तक अपनी दहशत और आपराधिक गतिविधियों से एक समानांतर साम्राज्य खड़ा किया था, अब आखिरकार कानून के शिकंजे में है। एक दौर था जब इसका नाम सुनते ही लोग सहम जाते थे, लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा कि अब इसकी अवैध संपत्तियों पर सरकार का हथौड़ा चल रहा है। साल 2005 का चर्चित किसलय अपहरण कांड, जिसने इस अपराधी को पूरे देश में बदनाम कर दिया था, उस घटना के बाद से ही चुन्नू ठाकुर का नाम जुर्म की दुनिया का पर्याय बन गया था। इस एक घटना ने उसके आपराधिक ग्राफ को इस कदर ऊंचाइयों पर पहुंचाया कि वह बिहार के सबसे कुख्यात माफियाओं में शुमार हो गया।

- Advertisement -

उसने अपहरण, रंगदारी और जमीन हथियाने जैसे कई संगीन अपराधों के जरिए एक विशाल आपराधिक नेटवर्क तैयार किया। उसकी धमक ऐसी थी कि राजनीतिक गलियारों से लेकर प्रशासनिक तंत्र तक में उसका प्रभाव माना जाता था। लेकिन अब ये सब अतीत की बात हो गई है। उसकी काली कमाई से अर्जित संपत्तियों की जब्ती ने यह संदेश दिया है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और कोई भी अपराधी बच नहीं सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  Bihar Police Driver Result: खुशखबरी! बिहार पुलिस ड्राइवर रिजल्ट 2025 घोषित, ऐसे चेक करें अपना परिणाम और जानें आगे की प्रक्रिया

अवैध साम्राज्य पर शिकंजा: संपत्ति जब्ती की कहानी

चुन्नू ठाकुर जैसे दुर्दांत अपराधियों ने समाज के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर दिया था। उसने लोगों के खून-पसीने की कमाई से अपनी अवैध संपत्ति का अंबार लगाया था। प्रशासन की हालिया कार्रवाई में उसकी अरबों की संपत्तियां जब्त की गई हैं, जो उसके काले कारोबार की पोल खोलती हैं। ये संपत्तियां विभिन्न शहरों और ग्रामीण इलाकों में फैली हुई थीं, जिन्हें बेनामी तरीके से रखा गया था। यह कार्रवाई केवल संपत्ति जब्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक सबक है जो अपराध के रास्ते से धन कमाने का सपना देखते हैं।

इस संपत्ति जब्ती अभियान ने यह भी उजागर किया है कि कैसे चुन्नू ठाकुर ने अपने प्रभाव और आपराधिक ताकत का इस्तेमाल कर सरकारी भूमि और निजी संपत्तियों पर कब्जा किया था। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई ने उसकी कमर तोड़ दी है। यह एक लंबा और जटिल अभियान रहा, जिसमें कई स्तरों पर जांच और पड़ताल की गई ताकि उसकी सारी अवैध संपत्तियों का पता लगाया जा सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

कानून के आगे नतमस्तक हुआ माफिया

चुन्नू ठाकुर के आपराधिक साम्राज्य का यह अंत बिहार में कानून के राज की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि अब अपराधियों के लिए कोई पनाहगाह नहीं है और उन्हें अपने हर गुनाह का हिसाब देना होगा। वर्षों तक निर्बाध रूप से अपराध करने वाला यह माफिया सरगना अब कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहा है, और उसकी सारी कमाई अब सरकारी खजाने में जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

इस तरह की कार्रवाई से आम जनता में कानून के प्रति विश्वास बढ़ता है और अपराध करने वालों में भय उत्पन्न होता है। यह सिर्फ एक अपराधी की संपत्ति की जब्ती नहीं है, बल्कि यह न्याय की जीत और कानून के शासन का प्रतीक है। बिहार अब ऐसे माफियाराज के चंगुल से धीरे-धीरे बाहर आ रहा है, जहाँ अपराध और अपराधी दोनों का एक निश्चित अंत होता है।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

Pradosh Vrat 2026: नए साल में दुर्लभ संयोग, पाएं शिव कृपा

Pradosh Vrat 2026: नए साल का पहला प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है,...

Bhagalpur News: नव निर्वाचित जिला परिषद अध्यक्ष विपिन मंडल का भव्य स्वागत, जनाकांक्षाओं का दिखा संगम

Bhagalpur News: चुनावी समर में विजय का पताका फहराने के बाद, उम्मीदों का नया...

Bokaro Literature Festival: ज्ञान की गंगा बहाने आ रहा ‘शब्द सरिता महोत्सव’, साहित्य और संस्कृति का होगा महासंगम

Bokaro Literature Festival: किताबें खामोश क्रांतियां हैं, जो हर मन में विचारों की चिनगारी...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें