Paush Purnima 2026: हिंदू धर्म में पौष मास की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, यह दिन अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इसी पावन तिथि से प्रयागराज में माघ मेला का शुभारंभ होता है, जहां पवित्र नदियों में स्नान करने से असीम पुण्य की प्राप्ति होती है और पूर्व जन्म के पापों का क्षय होता है।
Paush Purnima 2026: पौष पूर्णिमा का महात्म्य और शुभ मुहूर्त
Paush Purnima 2026: स्नान-दान का विशेष महत्व और पूजा विधि
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, Paush Purnima 2026 के पावन दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त होकर आकाश में विराजमान रहेंगे। इस विशेष अवसर पर पवित्र नदियों, सरोवरों या घर पर ही गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करने का विधान है। ऐसा करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त होती है, साथ ही ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है। यह दिन दान-पुण्य के कार्यों के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस दिन किए गए दान से कई गुना अधिक पुण्य लाभ प्राप्त होता है। भक्तजन इस दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनते हैं और चंद्र देव की विशेष आराधना करते हैं। धर्म, व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
पौष पूर्णिमा पूजा विधि
- पौष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
- स्नान के पश्चात् स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा करें।
- भगवान को फल, फूल, नैवेद्य, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
- पौष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।
- चंद्रमा को अर्घ्य दें और चंद्र देव के मंत्रों का जाप करें।
- अपनी सामर्थ्य अनुसार गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
- रात्रि में चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करें।
पौष पूर्णिमा 2026: शुभ मुहूर्त और महत्वपूर्ण समय
| विवरण | समय | तिथि |
|---|---|---|
| पौष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | सायं 06:15 बजे | 13 जनवरी 2026 |
| पौष पूर्णिमा तिथि समाप्त | रात्रि 08:30 बजे | 14 जनवरी 2026 |
| सूर्य उदय | प्रातः 07:15 बजे | 14 जनवरी 2026 |
| सूर्य अस्त | सायं 05:45 बजे | 14 जनवरी 2026 |
| ब्रह्म मुहूर्त | प्रातः 05:25 बजे से 06:15 बजे तक | 14 जनवरी 2026 |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12:00 बजे से 12:45 बजे तक | 14 जनवरी 2026 |
| राहु काल | दोपहर 03:00 बजे से 04:30 बजे तक | 14 जनवरी 2026 |
पौष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
पौष पूर्णिमा का दिन केवल स्नान-दान के लिए ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी विशेष माना जाता है। इस दिन चंद्र देव की पूर्ण ऊर्जा पृथ्वी पर आती है, जिससे मन शांत होता है और मानसिक कष्ट दूर होते हैं। जो जातक चंद्र दोष से पीड़ित होते हैं, उन्हें इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और दान करने से लाभ मिलता है। यह माना जाता है कि पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं, इसलिए इस दिन उनकी पूजा से धन-धान्य की वृद्धि होती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
चंद्रमा की कृपा प्राप्ति के लिए मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।
ॐ सों सोमाय नमः।
निष्कर्ष एवं उपाय
पौष पूर्णिमा का व्रत करने और विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को आरोग्य, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन दान-पुण्य करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। चंद्र दोष के निवारण हेतु इस दिन सफेद वस्तुओं जैसे चावल, दूध, चीनी, सफेद वस्त्र आदि का दान करना चाहिए, जिससे अनंत पुण्य लाभ प्राप्त होता है। चंद्रमा को मजबूत करने के लिए ‘ॐ चंद्राय नमः’ मंत्र का जाप भी लाभकारी सिद्ध होता है। इस पावन तिथि पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने से घर में खुशहाली आती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। यह दिन हमें प्रकृति के साथ जुड़ने और आध्यात्मिक ऊर्जा को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।






