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दिसम्बर, 31, 2025

Bihar Vegetable Outlets: सीतामढ़ी में तरकारी आउटलेट का निर्माण शुरू, बिचौलियों का खेल खत्म!

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Bihar Vegetable Outlets: धरती के बेटों की मेहनत का मोल अब बिचौलियों के बाजार से तय नहीं होगा, क्योंकि सहकारिता विभाग ने एक ऐसी पहल की है जो सीधे किसानों को ग्राहकों से जोड़ेगी। सीतामढ़ी के बेलसंड और रून्नीसैदपुर में तरकारी आउटलेट का निर्माण इसी क्रांति की पहली सीढ़ी है।

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बिहार के सहकारिता विभाग ने सब्जी उत्पादकों को उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य दिलाने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण तथा उचित मूल्य पर ताजी सब्जियां उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कवायद का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करना है जो किसान और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद हो।

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इसी कड़ी में, सीतामढ़ी जिले के बेलसंड और रून्नीसैदपुर प्रखंडों में ‘तरकारी आउटलेट’ का निर्माण कार्य विधिवत शुरू हो गया है। इन आउटलेट के माध्यम से किसान सीधे अपने उत्पाद बेच सकेंगे, जिससे उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उनकी आय में सीधी बढ़ोतरी होगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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इन आउटलेट के परिचालन से न केवल किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को भी ताजा और पौष्टिक सब्जियां किफायती दरों पर मिलेंगी। यह पहल कृषि उपज के विपणन में एक नया अध्याय लिखेगी और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।

Bihar Vegetable Outlets: सहकारी मॉडल से बदलेगी कृषि विपणन की तस्वीर

सहकारिता विभाग की यह योजना बिहार में कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। विभाग का मानना है कि ऐसे आउटलेट किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए सशक्त करेंगे।

यह मॉडल अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे राज्य भर में सब्जी उत्पादकों को सीधा लाभ मिल सके। गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना और उन्हें सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाना, इस पहल का मूल मंत्र है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/

स्थानीय किसानों को सशक्त करने की योजना

इन तरकारी आउटलेट के संचालन से संबंधित किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे अपनी उपज की ग्रेडिंग और पैकेजिंग बेहतर ढंग से कर सकें। यह कदम उन्हें बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन करने में भी मदद करेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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कुल मिलाकर, सहकारिता विभाग की यह पहल बिहार के कृषि परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखती है, जिससे न केवल किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर उत्पाद मिल पाएंगे।

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