Fact Check: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा दावा तेजी से फैल रहा है जिसने लाखों लोगों का ध्यान खींचा है। यह दावा प्रधानमंत्री मुफ्त मोबाइल योजना से जुड़ा है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
प्रधानमंत्री फ्री मोबाइल योजना का Fact Check: क्या सरकार मुफ्त फोन बांट रही है?
Fact Check: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘प्रधानमंत्री फ्री मोबाइल योजना’ के नाम से एक खबर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रही है। इस संदेश में दावा किया जा रहा है कि सरकार देश के नागरिकों को मुफ्त मोबाइल फोन उपलब्ध करा रही है। हालांकि, सच्चाई कुछ और ही है और इस वायरल दावे की हकीकत को समझना बेहद जरूरी है।
Fact Check की रिपोर्ट: PIB ने किया बड़ा खुलासा
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने इस वायरल दावे की पड़ताल की है। PIB ने स्पष्ट रूप से बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई भी ‘प्रधानमंत्री फ्री मोबाइल योजना’ नहीं चलाई जा रही है। यह दावा पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है। PIB ने आम जनता को ऐसे किसी भी संदेश पर विश्वास न करने की सलाह दी है जो सरकार द्वारा मुफ्त मोबाइल देने का दावा करता हो। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस तरह के वायरल दावों से सतर्क रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अक्सर देखा जाता है कि चुनाव के समय या किसी बड़े सरकारी ऐलान के बाद इस तरह के मनगढ़ंत वायरल दावे सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते हैं। इनका मुख्य मकसद लोगों को गुमराह करना होता है या फिर किसी निजी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाना होता है। इन दावों में अक्सर लोगों से व्यक्तिगत जानकारी साझा करने या किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है, जिससे उनके डेटा को खतरा हो सकता है।
सरकार की ओर से किसी भी योजना की आधिकारिक जानकारी के लिए हमेशा सरकारी वेबसाइट्स या विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर ही भरोसा करना चाहिए। किसी भी अज्ञात या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे संदेशों को बिना सोचे-समझे आगे फॉरवर्ड करना भी समाज में गलत सूचना फैलाने में मदद करता है। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
कैसे पहचानें फर्जी सरकारी योजनाएं?
- आधिकारिक स्रोत: हमेशा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (जैसे pib.gov.in) या सरकारी विभागों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों पर ही भरोसा करें।
- संदिग्ध लिंक्स: ऐसे संदेशों में दिए गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें जो आपको किसी अज्ञात वेबसाइट पर ले जाते हों।
- निजी जानकारी: कोई भी सरकारी योजना आपसे फोन पर या मैसेज के जरिए व्यक्तिगत जानकारी (जैसे बैंक खाता नंबर, आधार नंबर, OTP) नहीं मांगती है।
- व्याकरण की त्रुटियाँ: फर्जी संदेशों में अक्सर व्याकरण और वर्तनी की गलतियाँ होती हैं।
- अविश्वसनीय दावे: ऐसे दावे जो बहुत अच्छे लगने वाले या अविश्वसनीय रूप से आकर्षक हों, अक्सर फर्जी होते हैं।
डिजिटल युग में, गलत सूचना का खतरा लगातार बढ़ रहा है और आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह किसी भी जानकारी को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सत्यता की जांच करे। यह न केवल आपको धोखाधड़ी से बचाएगा, बल्कि समाज में गलत सूचना के प्रसार को रोकने में भी मदद करेगा।





