SultanGanj Sanitation Workers: जब उम्मीदों का झाड़ू टूटता है और मेहनत का पसीना सूखता है, तब उठती हैं वो आवाजें, जो व्यवस्था को जगाने पर मजबूर कर देती हैं। भागलपुर के सुल्तानगंज नगर परिषद में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां सफाईकर्मियों की लंबित मांगों को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच देर शाम अहम बैठक हुई।
SultanGanj Sanitation Workers: सुलतानगंज में गरमाया सफाईकर्मियों की मांगों का मुद्दा, क्या खत्म होगा गतिरोध?
SultanGanj Sanitation Workers की लंबित मांगों पर मंथन
भागलपुर के सुल्तानगंज नगर परिषद सभागार में देर शाम एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी कृष्णा भूषण कुमार, नगर सभापति राजकुमार गुड्डू और स्वच्छता पदाधिकारी अमित कुमार ने सफाईकर्मियों के साथ संयुक्त रूप से उनकी मांगों और समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। अधिकारियों ने सफाईकर्मियों की सभी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी समस्या की जानकारी कार्यालय में देने पर उसका त्वरित निदान किया जाएगा।
बैठक में कल्पतरु एजेंसी से संबंधित भुगतान संबंधी मुद्दे पर भी बात हुई। कार्यपालक पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कल्पतरु एजेंसी द्वारा 20 दिसंबर को गलत सूची दिए जाने के कारण सफाईकर्मियों का भुगतान रोक दिया गया था। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 20 जनवरी तक सफाईकर्मियों का भुगतान नहीं किया गया, तो एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके अतिरिक्त, एक नई एजेंसी द्वारा अधिक पीएफ काटे जाने के मामले में भी नोटिस भेजकर विस्तृत जानकारी मांगी जाएगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अधिकारियों ने सभी सफाईकर्मियों को 25 जनवरी तक उनका भुगतान और नई वर्दी उपलब्ध कराने का वादा किया। हालांकि, इस आश्वासन से सफाईकर्मी पूरी तरह सहमत नहीं हुए। बैठक के दौरान दर्जनों सफाईकर्मी और नगर परिषद के स्वच्छता पदाधिकारी मौजूद थे। सफाईकर्मियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक उनका लंबित भुगतान नहीं हो जाता, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। उनकी इस दृढ़ता ने प्रशासन के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
एजेंसी पर FIR की चेतावनी, लेकिन आंदोलन जारी
नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा कल्पतरु एजेंसी को दी गई प्राथमिकी की चेतावनी और नए एजेंसी से पीएफ कटौती पर जवाबदेही मांगने के बावजूद, सफाईकर्मियों का असंतोष कम नहीं हुआ है। उनकी मुख्य मांग तत्काल भुगतान की है और वे इस पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस कार्रवाई और समयबद्ध भुगतान ही गतिरोध को समाप्त कर सकता है। इस पूरे प्रकरण ने स्थानीय प्रशासन के सामने एक गंभीर चुनौती पेश कर दी है, जिसका समाधान प्राथमिकता के आधार पर निकालना होगा ताकि शहर की स्वच्छता व्यवस्था बाधित न हो।





