Housing for the Poor: भागलपुर देशज टाइम्स।जब हुक्मरानों के बुलडोजर का पहिया गरीब के आशियाने पर चलने को तैयार हो, और व्यवस्था मूक दर्शक बनी रहे, तब लाल झंडा ही उनके लिए आखिरी उम्मीद बनता है। बिहार के भागलपुर में कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है।
Housing for the Poor: गरीबों के वास-आवास पर बुल्डोजर राज, भाकपा(माले) का मुखर विरोध
खारीक में Housing for the Poor: विरोध प्रदर्शन की चिंगारी क्यों भड़की?
Housing for the Poor: गंगा-कोसी की विनाशलीला और सरकारी उदासीनता ने हजारों परिवारों को बेघर कर दिया है। भागलपुर के खरीक अंचल कार्यालय पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (भाकपा माले) ने वास-आवास की समस्या को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन Housing for the Poor की गंभीर चुनौती के बीच आयोजित किया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में ग्रामीण गरीब महिलाएं और पुरुष लाल झंडे और बैनरों के साथ एनएच 31 के खारीक चौक पर इकट्ठा हुए। उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अंचल कार्यालय तक एक विशाल जुलूस निकाला। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भाकपा (माले) के पूर्व जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल और खरीक प्रखंड सचिव सत्यनारायण यादव ने किया।
धरना सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सालों से बाढ़ पीड़ितों को वास-आवास की गंभीर समस्या झेलनी पड़ रही है। गंगा और कोसी नदियों की लगातार बदलती धाराओं ने अनगिनत ग्रामीणों को बेघर और तबाह कर दिया है। आजीविका और आवास की समस्याओं ने उनके जीवन को एक विकट संकट में डाल दिया है, लेकिन सरकार और प्रशासन इस ओर से पूरी तरह उदासीन हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। विडंबना यह है कि इन बेघर लोगों के लिए घर और आजीविका का प्रबंध करने के बजाय, उनकी झोपड़ियों और रोजी-रोटी को उजाड़ने पर ही आमादा है।
वक्ताओं ने सरकार पर पूंजीपतियों और सामंतों की पक्षधर होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सरकार बलात्कारियों और अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जबकि कॉरपोरेट घरानों को हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि गरीबों के लिए अलग कानून और अमीरों के लिए अलग कानून का यह दोहरा रवैया अब स्वीकार्य नहीं होगा। यदि पुलिस गरीबों की रक्षा नहीं कर सकती, तो उसे गरीबों से मुकाबला करना होगा। ‘बुलडोजर राज’ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उजाड़ने का यह दमनकारी सरकारी फरमान तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। सरकार को इन विस्थापितों के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था करनी ही होगी। अन्यथा, नए साल में भाकपा (माले) एक और बड़ी लड़ाई संगठित करेगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मांग पत्र में क्या था और अंचलाधिकारी का आश्वासन
धरना सभा को भाकपा (माले) के जिला सचिव महेश प्रसाद यादव, ऐक्टू (ACTU) के राज्य सचिव मुकेश मुक्त, नौगछिया प्रखंड सचिव गौरी शंकर राय, ऐपवा (AIPWA) जिला सचिव रेणु देवी, जिला कमिटी सदस्य आशुतोष यादव और सुशील कुमार भारती जैसे प्रमुख नेताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सिकन्दर यादव ने किया।
इस अवसर पर पूर्व जिला सचिव बिंदेश्वरी मंडल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने खरीक के अंचल अधिकारी को एक विस्तृत मांग पत्र सौंपा। इसमें, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1, सभी गरीब, बाढ़ पीड़ितों और कटाव पीड़ितों को वास भूमि और जमीन का पर्चा तत्काल उपलब्ध कराने की मांग प्रमुख थी। अन्य मांगों में शामिल थे:
- ‘बुलडोजर राज’ को तुरंत बंद किया जाए और बिना वैकल्पिक व्यवस्था के किसी भी आवास या आजीविका को उजाड़ने पर रोक लगाई जाए।
- सभी गरीब परिवारों को पक्का मकान मुहैया कराया जाए।
अंचलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के किसी की भी झोपड़ियां और रोजी-रोटी अभी न उजड़े। नए वर्ष में भी आंदोलन जारी रखने के ऐलान के साथ, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1, धरना-प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।


