Darbhanga News: शहर का दिल मानो गुलज़ार हो गया है और फिजाओं में घुली फूलों की महक लोगों को अपनी ओर खींच रही है। दरभंगा के लक्ष्मेश्वर पब्लिक लाइब्रेरी का परिसर इंद्रधनुषी रंगों से सराबोर है, जहां दो दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी का शानदार आगाज हुआ है। शनिवार, 31 दिसंबर 2025 को जैसे ही प्रदर्शनी के दरवाजे आम लोगों के लिए खुले, प्रकृति प्रेमियों का हुजूम उमड़ पड़ा।
Darbhanga News: प्रदर्शनी में उमड़ी प्रकृति प्रेमियों की भीड़
कार्यक्रम का शुभारंभ पूरी तरह से पारंपरिक और आध्यात्मिक माहौल में हुआ। गणेश वंदना, शंखनाद और स्वस्तिवाचन के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। उत्तरी बिहार उद्यान समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सैंकड़ों किस्म के फूलों की सजावट देखकर लोग अचंभित रह गए। मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचीं डीआईजी डॉ. स्वप्ना गौतम मेश्राम ने हर एक स्टॉल पर जाकर फूलों का मुआयना किया और आयोजन की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रदर्शनियां प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाने का एक अनूठा माध्यम हैं। इनसे न केवल आंखों को सुकून मिलता है, बल्कि प्रकृति के संरक्षण और पोषण को भी बल मिलता है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि दरभंगा की यह पुष्प प्रदर्शनी पूरे देश में एक अलग स्थान रखती है। उन्होंने इसके माध्यम से पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति मिलने वाली प्रेरणा को महत्वपूर्ण बताया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने सभी नागरिकों से अपने घरों में पौधे लगाने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की अपील की। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
क्या बोलीं आयोजन समिति की अध्यक्ष?
उत्तरी बिहार उद्यान समिति की अध्यक्ष श्रीमती लता खेतान ने अपने स्वागत संबोधन में संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था जनमानस के बीच प्रकृति प्रेम, हरियाली, जल संरक्षण और भूमि की उर्वरा शक्ति के पोषण के लिए लगातार काम कर रही है। महासचिव राघवेंद्र कुमार ने कहा कि समिति के सभी सदस्य इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। स्कूली बच्चों के उत्साह की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी भागीदारी ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए हैं।
बोनसाई और कैक्टस बने आकर्षण का केंद्र
इस प्रदर्शनी में फूलों और पौधों की ऐसी किस्में मौजूद हैं, जो कहीं और आसानी से देखने को नहीं मिलतीं। बागवानी विशेषज्ञ संजय सिन्हा और राजकुमार पासवान के अनुसार, प्रदर्शनी में लोगों को आकर्षित करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यहां मुख्य रूप से ये पौधे आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं:
- मैरीगोल्ड और गुलदाउदी
- विभिन्न किस्म के गुलाब और डालिया
- राउंड कैक्टस, ग्राफ्टेड प्लांट और सक्यूलेंट
- सॉन्ग ऑफ़ इंडिया, क्राटन और बोनसाई
- विभिन्न प्रकार के सजावटी, औषधीय और फलों के पौधे
समिति के पूर्व सचिव विनोद सरावगी ने बताया कि खासकर बोनसाई और कैक्टस की विभिन्न प्रजातियां लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं। बरगद और पीपल जैसे विशाल पेड़ों को छोटे गमलों में उगाकर तैयार की गई बोनसाई की कला लोगों को हैरान कर रही है। इस कार्यक्रम में लगभग 23 स्कूलों के बच्चों ने भी हिस्सा लिया, जिनके बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता की नींव रखी जा रही है।
खुशी से झूम उठे लोग, मोबाइल में कैद किए पल
प्रदर्शनी में पहुंचे हर उम्र के लोग, चाहे वे बुजुर्ग हों या युवा, महिलाएं हों या बच्चे, सभी फूलों की इस नायाब दुनिया में खोए नजर आए। लोग अपने मोबाइल फोन में इन खूबसूरत पलों को कैद कर रहे थे। समिति की ओर से न्यूनतम मूल्य पर पौधों की बिक्री की भी व्यवस्था की गई है, जिसे लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। परिसर में खाने-पीने के स्टॉल और सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कार्यक्रम के दौरान तालाब संरक्षण में योगदान के लिए मो. तसीम नबाब को सम्मानित किया गया, जबकि मो. शाकिर को सर्वश्रेष्ठ विजेता घोषित किया गया। प्रदर्शनी 1 जनवरी 2026 को भी खुली रहेगी, जहां सुबह 11 बजे स्कूली प्रतियोगिताओं का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित होगा।


