Begusarai Naxal Encounter: अंधेरे का राज खत्म हुआ, एक खूंखार साया पुलिस की गोलियों से ढेर हुआ। वर्षों से कानून को चुनौती दे रहा आतंक का पर्याय आखिरकार खाक में मिला। बुधवार की शाम बेगूसराय की धरती पर एसटीएफ और जिला पुलिस के संयुक्त अभियान में एक बड़े इनामी नक्सली का अंत हो गया, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
Begusarai Naxal Encounter: बेगूसराय में 50 हज़ारी इनामी नक्सली ढेर, पुलिस-एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में खूंखार दयानंद मालाकार का खात्मा
Begusarai Naxal Encounter: कैसे बिछाया गया जाल और हुई मुठभेड़?
बेगूसराय के तेघड़ा थाना क्षेत्र के नोनपुर गांव में बुधवार की देर शाम एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और बेगूसराय जिला पुलिस की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता मिली। इस संयुक्त कार्रवाई में 50 हजार रुपये के इनामी नक्सली दयानंद मालाकार को ढेर कर दिया गया। करीब 42 वर्षीय दयानंद मालाकार उर्फ छोटू उर्फ दमन उर्फ कुलवीर उर्फ आकाश उर्फ सनेश उर्फ योगेन्द्र, नक्सल एवं आर्म्स एक्ट के कई मामलों में वांछित था और पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था।
मुठभेड़ की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक सहित तमाम वरीय पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की गहन जांच में जुट गए। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एसटीएफ को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुख्यात नक्सली कमांडर दयानंद मालाकार अपने पैतृक गांव नोनपुर में मौजूद है और किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की फिराक में है। इसी सूचना पर स्थानीय पुलिस के साथ एसटीएफ ने छापेमारी की योजना बनाई।
जैसे ही पुलिस टीम नोनपुर गांव के बहियार में पहुंची, दयानंद मालाकार ने खुद को घिरा देखकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस की ओर से भी ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। बताया जा रहा है कि दोनों तरफ से 20 राउंड से अधिक गोलियां चलीं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई में नक्सली को मार गिराया।
दयानंद मालाकार पर बेगूसराय, खगड़िया और मुजफ्फरपुर जिलों में हत्या, विस्फोटक अधिनियम और आर्म्स एक्ट सहित 16 से अधिक संगीन मामले दर्ज थे। वह लंबे समय से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा था। वर्ष 2020 में भी एसटीएफ ने दयानंद को नोनपुर से ही हथियार के साथ गिरफ्तार किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही वह जेल से छूट गया और फिर से आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हो गया था।
पुलिस मुख्यालय ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। घटना स्थल पर एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम भी पहुंच गई है और वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटा रही है। फिलहाल मृतक नक्सली के शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस घटना के बाद बेगूसराय जिला पुलिस हाई अलर्ट मोड पर है और स्वयं पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं।
एसपी मनीष कुमार ने बताया कि एसटीएफ, एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) और डीआईयू (डिस्ट्रिक्ट इंटेलिजेंस यूनिट) की टीम ने नोनपुर में अपराधी दयानंद मालाकार की घेराबंदी की। इस दौरान नक्सलियों की ओर से फायरिंग हुई, जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और 45 वर्षीय नक्सली दयानंद मालाकार की मौत हो गई। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि दयानंद कई आपराधिक मामलों में वांछित था और उस पर 50,000 रुपये का इनाम था। पुलिस ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन करते हुए यह कार्रवाई की है।
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बिहार पुलिस के ‘हाफ एनकाउंटर’ की बढ़ती फेहरिस्त
बीते लगभग डेढ़ महीने में बिहार पुलिस का यह पांचवां ‘हाफ एनकाउंटर’ है, जो अपराधियों के खिलाफ पुलिस की आक्रामक कार्रवाई को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि कानून तोड़ने वालों पर पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
- 11 दिसंबर: पटना पुलिस ने बैंक कर्मचारी से 10 लाख की रंगदारी मांगने वाले अपराधी राकेश के पैर में गोली मारकर उसे गिरफ्तार किया था।
- 2 दिसंबर: छपरा में शराब माफिया को पुलिस ने हाफ एनकाउंटर में पकड़ा।
- 21 नवंबर: बेगूसराय में कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय को पुलिस ने मुठभेड़ में घायल किया।
- 7 नवंबर: छपरा में कुख्यात शिकारी राय का भी पुलिस ने हाफ एनकाउंटर किया था।


