मई,2,2024
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गंगा में जो अस्थियां विलीन हुईं वो हिंदू थी,प्रवाहित,मुंडन कराने वाला कौन,मुस्लिम..यही हिंदुस्तान है

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दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो सारे धर्मों को तिलांजलि देकर सिर्फ मानव धर्म को मानते हैं। इसी मान्यता के अनुरूप अपने सद कार्यों को अंजाम देते हैं, और समाज में चर्चा का विषय बनते है। ऐसा ही एक प्रमाण शूकर क्षेत्र सोरों हर पदी गंगा घाट पर बुधवार की सुबह देखने को मिला। यहां भरतपुर राजस्थान से आए एक मुस्लिम युवक ने हिंदू महिला की अस्थियां विसर्जित की। यही नहीं युवक ने अपना मुंडन भी कराया, कहा मेरी दादी की मित्र थी मैंने अपना फर्ज को अदा किया। यही अपना हिंदुस्तान है,यही ताकत।
कासगंज, देशज न्यूज। देश में ऐसे तमाम लोग हैं जो अलगाव की स्थिति पैदा कर धार्मिक भावनाओं को उद्वेलित करते हैं। जबकि कुछ लोग मानवता का धर्म अपनाकर धार्मिक सीमाओं को तोड़कर अपना फर्ज अदा करते हैं। ऐसा ही राजस्थान के जनपद भरतपुर के कमला रोड निवासी मोहसिन खान ने किया है। बुधवार की सुबह वह अपने दादी की मित्र हिंदू ब्राह्मण जाति की स्वर्गीय त्रिवेणी देवी शर्मा पत्नी गौरी शंकर शर्मा की अस्थियां लेकर सोरों शूकर क्षेत्र के हर पदी गंगा घाट पर पहुंचा। यहां उसने तीर्थ पुरोहित भोला बिहारी के सानिध्य में विधि-विधान पूर्वक गंगा में अस्थियां विसर्जित की। यही नहीं समस्त कर्मकांड के उपरांत युवक ने गंगा घाट पर ही अपना मुंडन भी कराया। गंगा स्नान भी किया।
मोहसिन के मुताबिक त्रिवेणी देवी शर्मा उसकी दादी कि 50 वर्ष पुरानी मित्र थी बीते छह वर्षों से वह परिवार के साथ ही उनके बुजुर्गों की तरह रह रही थी। गायत्री देवी की कोई भी औलाद नहीं थी लगभग पांच वर्ष पूर्व उनका पुत्र भी स्वर्गवासी हो गया था। इसके बाद से ही मोहसिन के पिता ने गायत्री देवी शर्मा की जिम्मेदारी ले ली थी। तब से वह मौहसिन के परिवार का हिस्सा बन गई। 85 वर्ष की उम्र में उनका बीते दिनों देहांत हो गया देहांत के उपरांत मोहसिन ने हीं समस्त अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक संपन्न कराया इसके बाद वह उनकी अस्थियां लेकर यहां पहुंचा है। उसका कहना है कि उसने अपने परिवारिक परंपरा को अंजाम देते हुए अपना दायित्व निभाया है।
इस प्रकरण की पूरे सोरो में जोरदार चर्चा हो रही है। गंगा भक्त समिति के अध्यक्ष सतीश भारद्वाज का कहना है कि लगभग 25 वर्षों से वे तीर्थ पुरोहित के रूप में कार्य कर रहे हैं। लेकिन अब तक उन्होंने इस तरह का प्रमाण देखने को नहीं मिला है। उनका कहना है कि मोहसिन ने हिंदू महिला की अस्थियां विसर्जित कर देश की गंगा जमुनी तहजीब का ज्वलंत प्रमाण दिया है। पूरा कस्बा सोरों इस कार्य की सराहना कर रहा है।

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