दरभंगा पुलिस को फिल्म समाधि का मशहूर गाना जरूर याद करना चाहिए। मैडम परेशान महकमा परेशान इंस्पेक्टर परेशान दारोगा परेशान संतरी परेशान चौकीदार परेशान लेकिन बंगले के पीछे की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। आखिर इलू-इलू का ऐसा बुखार पूरे शहर के नौजवानों पर इस कदर छाई है साहेब उतरने का नाम ही नहीं ले रही। अब तो मैं यही गाना पुलिस विभाग के आलाधिकारियों को सुनाना चाहता हूं
बस कांटा लगा हाय लगा
बिंदिया छिपाए रे लाली चुनर ओढ़ के मूंद के मुखड़ा अपना
निकली अंधेरे में दुनिया के डर से मैं सजना
रात बैरन हुई ओ रे साथिया
देख हालत मेरी, आ लेकर दिया ……. बंगले के पीछे ….
आई मुसीबत तो अब सोचती हूं मैं क्यूं रह सकी ना तेरे बिन
सच ही तो कहती थी सखियां फंसेगी तू इक दिन
भूल तो हो गई जो किया सो किया
तू बचाले बलम आज मोरा जिया …. बंगले के पीछे ….हे दरभंगा के पुलिसवासियों सुन लो पुकार प्रभु विनति बारंबार….








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