
जाले,देशज टाइम्स ब्यूरो। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राम प्रवेश प्रसाद ने शुक्रवार को समधिनियां में मशरुम उत्पादन का एक दिवसीय प्रशिक्षण पैंतीस किसानों को दिया। प्रशिक्षणार्थी किसानों को वर्तमान में देश की स्थिति की जानकारी देते हुए वैज्ञानिक ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण भूमि विभाजन, कुपोषण, जल की कमी, बेरोजगारी व जलवायु परिवर्तन आज की प्रमुख समस्या है। इसके समाधान के लिए विभिन्न उपायों में मशरूम उत्पादन की प्रमुख भूमिका है। मशरूम की खेती में कम भूमि व पूंजी कम ही लगता है। मशरूम पौष्टिक व औषधीय गुणों से भरपूर जलवायु परिवर्तन के साथ सामंजस्य रखने वाला है। काफी कम जल में इसका उत्पादन किया जा सकता है। कम अवधि के फसल होने के कारण आप अपने घरों व झोपड़ी में आसानी से उत्पादन कर सकते हैं। आज मशरूम से सभी लोग परिचित हैं। इसका उत्पादन बिहार में अब होने लगा है। भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर मशरूम का व्यवसायिक खेती करना आवश्यक हो गया है। इसके बाद वैज्ञानिक ने मशरूम उत्पादन के पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देकर उपस्थित किसानों को उससे होने वाले आय से अवगत कराया। मौके पर उपस्थित महिला व पुरुष किसानों ने मशरूम उत्पादन की प्रक्रिया जानने के पश्चात, वैज्ञानिक को इसके लिए धन्यवाद देकर पुनः कृषि के नए तकनीकों को बताने के लिए दोबारा पहुंचने का आग्रह किया। कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को फिर प्रशिक्षण देने का आश्वासन देते हुए उन्हें आश्वस्त किया। उन्होंने सभी से किसानों से आह्वान किया कि, उन्हें कभी भी कृषि संबंधित किसी विषय पर आवश्यकता होने पर, जाले स्थित कृषि विज्ञान केंद्र जाकर कृषि संबंधित किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।





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