आकिल हुसैन मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ व राष्ट्रीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के केंद्रीय नेतृत्व के संयुक्त संघर्ष समिति के आहवान पर मंगलवार से देश के सभी दो लाख सत्तर हजार ग्रामीण डाक सेवकों के हड़ताल पर चले जाने से डाक सेवा पूरी तरह प्रभावित गई है। हड़ताल के कारण जिले के सभी 375 शाखा डाक घरों पर ताला लटका रहा। इतना ही नहीं जिले के 39 उपडाकघर पर भी हड़ताल का असर देखा गया। जिला मुख्यालय स्थित मुख्य डाकघर के मुख्य गेट को बंद कर हड़ताली ग्रामीण डाक सेवक अपने संघ के जिला सचिव कामेश्वर कुमार अमर के नेतृत्व में दिन भर हड़ताल पर डटे रहे। हड़ताली डाक सेवकों को संबोधित करते हुए संघ के सचिव श्री अमर ने कहा कि हम लोगों की दस सूत्री मांग जायज है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाक सेवकों ने कमलेश चंद्र की रिपोर्ट को लागू करने के लिए हड़ताल पर है। केंद्र सरकार हमलोगों के साथ वादा खिलाफी करती आ रही है, परंतु अब हम सभी ग्रामीण डाक सेवक नहीं सहेंगे। सरकार जब तक हमलोगों की मांगे पुरी नही करती है तब तक हमलोग हड़ताल समाप्त नही करेंगे, क्योंकि सरकार हमेशा आश्वासन देती रही है, लेकिन अब आश्वासन से काम चलने वाला नहीं है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, उस समय तक हम लोग हड़ताल जारी रखेंगे। वहीं संघ के अध्यक्ष कुमार झा ने ग्रामीण डाक सेवकों कर गिनाते हुए बताया कि जीडीएस कमेटी के सारी सिफारिशों को 01-01-2016 लागू किया जाए व एरियर की भुगतान की गणना के फार्मूला को चेंज किया जाए, गे्च्युटी की उपरी सीमा 1,50000 से बढ़ाकर 5,00,000 किया जाए।
जीआईएस की सीमा पांच सौ रूपया के अंशदान के साथ बढ़ाकर 5,00,000 रूपया किया जाए, एसडीबीएस अंशदान के लिए जीडीएस के टीआरसीएस से दस प्रतिशत की कटौती की जाए व दस फीसद विभाग की तरफ से भी दी जाए, 12,24,36 वर्ष के सेवाकाल के बाद जीडीएस कर्मचारियों को अतिरिक्त विशेष वार्षिक वेतन वृद्धि देकर आर्थिक उत्थान किया जाए, जीडीएस, को प्रार्थना करने पर सीमित स्थानान्तर सुविधा में छुट दी जाए। प्रार्थना करने पर स्थानांतरण होने पर वेतन में गिरावट नहीं होनी चाहिए। जीडीएस का स्थानांतर डीविजनल स्तर पर, रिजन स्तर पर व सर्किल स्तर पर की जाने की अनुमति दी जाए, ग्रामीण डाकसेवकों कें बच्चे को शिक्षा भत्ता 6000 रूपया प्रतिवर्ष दिया जाए। जीडीएस, कर्मियों को तीस दिन का पेड लिव दिया जाए व छुटटी् को जमा करने की सुविधा दी जाए। 180 दिन की छुट्टी का नकद भुगतन किया जाए, जीडीएस के कंपोजिट एनाउंस को पांच सौ रूपए से बढ़ाकर सोलह सौ रूपए किया जाए व एबीपीएस को भी इसका लाभ दिया जाए। वहीं सभी तरह के इन्सेन्टीव सिस्टम को बंद कर उसे कार्यभार में लिया जाए। जैसे, आईपीपीबी के कार्य व बीमा का व्यवसाय, सभी एकल शाखा डाकघरों में एक व कर्मचारी उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीण डाकसेवकों को आठ घंटे का कार्य देने के उपरांत सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। इस अवसर पर धर्मेंद्र नारायण सिंह,जय कुमार झा, खलीकुल्ला, राम प्रसाद, ललन पासवान, हीरा पासवान, रंजीत कुमार मुखिया, उमाकांत यादव, प्रभु पासवान ने भी सभा को संबोधित किया।