आकिल हुसैन मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। पंचायत प्रतिनिधियों से पंचायत की जनता को विकास की काफी उम्मीद होती है। कारण, पंचायत प्रतिनिधि अपने गांव व मोहल्लों की समस्याओं को समझते हैं। मगर जनता के वोटों से चुने पंचायत प्रतिनिधि क्षेत्र के विकास के साथ-साथ पंचायत के बच्चों की शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं हों, तो चिंता का विषय है। ऐसा ही हाल रहिका प्रखंड क्षेत्र के इजरा पंचायत में देखने को मिल रहा है। पंचायत भवन के ठीक सामने पूर्वी ओर नव सृजित प्राथमिक विधालय घाट टोल अवस्थित है। इन दिनों उक्त विधालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति काफी चिंता सताने लगी है।
बच्चों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
इजरा पंचायत के पूर्व मुखिया अनुरूद्ध मंडारी की ओर से पंचायत भवन व विधालय परिसर में गिट्टी-बालू का गोदाम बना दिया गया है। इसपर सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा, पंचायत प्रतिनिधि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्कूल परिसर में गिट्टी-बालू का गोदाम बना देने से पंचायत भवन सह स्कूल परिसर में आए दिन ट्रक व ट्रैक्टर का आना जाना लगा रहता है। इतना ही नहीं गाड़ियों के आने-जाने से विधालय सह पंचायत भवन की दीवार भी कुछ जगहों पर टूट गई हैं। ट्रक व ट्रैक्टर के आने-जाने से यहां नामांकित छात्र स्कूल खुलने से पहले व टीफिन के समय खेलकूद करते रहते हैं। इससे हमेशा छात्र-छात्राओं के अभिभावकों व विधालय प्रशासन को डर सताता रहता है कि कहीं किसी समय कोई बड़ी दुर्घटना न हो जाए। विधालय समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप पासवान ने देशज टाइम्स को बताया कि उक्त विधालय के नाम एनओसी मिला हुआ है।
उन्होंने बताया कि विधालय में नामांकित छात्र-छात्राओं के अभिभावकों हमेशा डर रहता है कि कहीं कोई बड़ी घटना नहीं हो जाए। श्री पासवान ने बताया कि इस संबंध में अभिभावकों की ओर से प्रखंड स्तरी पदधिकारियों से लेकर वरीय पदाधिकारियों को सूचना दी गई है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इधर, पूर्व मुखिया अनुरूद्ध मंडारी ने बताया कि आपसी मतभेद के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने बताया कि गिट्टी-बालू से किसी तरह की परेशानी नहीं है। उक्त जमीन विधालय की नहीं है,बल्कि वह जमीन पंचायत भवन की है।
अब बीइओ की सुनिए, उन्हें पता नहीं
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण मोहन पाठक ने बताया कि मुझे इस संबंध में पूरी जानकारी नहीं है। संबंधित विधालय के प्रधानध्यापक से जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।