जाले, देशज टाइम्स ब्यूरो। कृषि विज्ञान केंद्र जाले के पौधा रोग विभाग के वैज्ञानिक डॉक्टर आर पी प्रसाद ने बताया है कि गत दो सप्ताह से जहां न्यूनतम तापमान 6 से 12 डिग्री हो गई है। वहीं अधिकतम तापमान 15 से 25 डिग्री के मध्य रहा है। इसके कारण गेहूं को छोड़कर अन्य रबी फसलों पर कीट के प्रकोप की संभावना बढ़ी है।
उन्होंने बताया, ऐसे में किसानों को सुझाव दिया जाता है कि वह नियमित अपने अपने क्षेत्रों का भ्रमण करें। अपने फसलों पर हो रहे परिवर्तन के विषय में सुझाव लेकर उसके कुप्रभाव को दूर करने का प्रयास करें। कोहरे के प्रभाव को कम करने का सबसे आवश्यक और जरूरी है कि खेत की नमी को बनाए रखा जाए।
उन्होंने कहा, जिन किसानों के खेतों में नमी की कमी है वह अविलंब हल्की सिंचाई करें, जिससे कि कोहरे के प्रभाव को फसलों से कम किया जा सके। डॉ. प्रसाद ने बताया कि आलू में पश्चिमी (Jaal’s agricultural scientist RP Prasad advises farmers, save farming-rabi crops from pests) झुलसा लगने की संभावना बढ़ी है ऐसे में जिन किसानों के खेतों में पछेती झुलसा के लक्षण दिखाई पड़े वह किसान इंडोफिल एम 45 ढाई से तीन ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
वहीं, जिन किसानों की गेहूं के खेतों में दरार पड़ने लगी है अथवा 60 से 65 दिनों का फसल हो गया है वह यूरिया का उपनिवेश कर सकते हैं, जिन किसानों ने लगता गेहूं की फसल लगाई है उनमें (Jaal’s agricultural scientist RP Prasad advises farmers, save farming-rabi crops from pests) बालियां निकलने लगी हैं वह खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें सरसों की फसल में लाही का प्रकोप दिखने पर डाई मेथएट 30 इसी का 1 एमएल प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें चना एवं मसूर के खेत में उठा रोग के लक्षण दिखने पर कार्बेंडाजिम 1 ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।
बताया कि मटर में फली छेदक के लक्षण दिखने पर क्लोरोप्लास्ट एक कैमरा प्रति लीटर का छिड़काव करें फसलों में कीटनाशक का प्रयोग करने में विशेष सावधानी बरतें और कीटनाशक के प्रयोग के (Jaal’s agricultural scientist RP Prasad advises farmers, save farming-rabi crops from pests) कम से कम 15 दिनों तक फलियों का प्रयोग ना करें।








