जोधपुर, देशज टाइम्स डिजिटल डेस्क। जोधपुर संभाग में मुस्लिम समाज धर्मगुरू चिर परिचित गाजी फकीर का लंबे बीमारी के बाद मंगलवार की तडक़े जोधपुर के एक निजी अस्तपाल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वे कोमा में चल रहे थे। वे राजनीति के पुरोधा भी थे। उनके पुत्र सालेह मोहम्मद भी राजनीति से जुड़े है। इनके निधन की सूचना पर पश्चिमी राजस्थान के मुस्लिम समाज ने शोक की लहर छा गई। दोपहर में उनका शव जोधपुर से जैसलमेर ले जाया जाएगा। जैसलमेर बाड़मेर में उनकी राजनीतिक पकड़ रही थी। अरसे पहले उनकी हिस्ट्रीशीट खुलने पर वे काफी चर्चा में भी बने रहे।
काफी समय से थे बीमार:
राज्य के के बिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन पूर्व वे कौमा में चले गए थे। इस पर उन्हें जोधपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की तडक़े तकरीबन साढ़े तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पांच पुत्र है। प्रदेश में चाहे भाजपा या फिर कांग्रेसकी सरकार हो, लेकिन गाजी के प्रभाव में कभी कोई कमी नहीं आई।
पाक स्थित पीर पगारो में भूमिका रही:
दिवंगत गाजी फकीर की जैसलमेर बाड़मेर की राजनीति में बरसों तक मजबूत पकड़ रही। मुस्लिम समाज के वोट हमेशा से उनके इशारे पर ही पड़ते रहे है। पाकिस्तान में स्थित पीर पगारो के भारत में प्रतिनिधि की भूमिका वे बरसों से निभाते आ रहे थे। सीमावर्ती क्षेत्र में उन्हें बहुत अधिक मान सम्मान हासिल था।
परिवार भी राजनीति में सक्रिय
राजनीति में अपना अलग से वजूद रखने वाले गाजी फकीर का पूरा परिवार ही राजनीति में सक्रिय रहा है। भाई फतेह मोहम्मद, बेटे सालेह मोहम्मद व अब्दुला फकीर जैसलमेर के जिला प्रमुख रह चुके है। साथ ही एक बेटा अमरुद्दीन प्रधान है। उनके पुत्र सालेह मोहम्मद इस समय गहलोत सरकार में मंत्री पद पर है।
उल्लेखनीय है कि उनके पुत्र केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद इन दिनों जयपुर में कोरोना का उपचार चल रहा है। उनके जैसलमेर पहुंचने की अटकलें भी लगाई जा रही है।