गोपालगंज। गंडक नदी से सफेद बालू के अवैध खनन का सिलसिला जारी है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो पा रहे है।
विश्मभरपुर,जादोपुर,मांझा सिधवलिया और बैकुंठपुर थाना क्षेत्र में गंडक नदी से आए दिन अवैध रूप से बालू खनन का काला कारोबार जारी है। हैरानी की बात यह है कि पुलिस और खनन विभाग के नाक के नीचे ही गैर-कानूनी काम बेरोक-टोक चल रहा है। खनन अधिकारियों को जब इस मामले की जानकारी ली गई तो एक्शन लेने की बात कही गई है।
दो दिवसीय दौरे आए खनन मंत्री जनक राम ने कहा कि गंडक नदी और गंडक नहर से उजले बालू की अवैध खनन किया जा रहा है। जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने दी है।
इसको लेकर जल्द ही वैस माफियों की पहचान कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खनन विभाग की माने तो बालू घाटों का निलामी के लिए एक वर्ष पहले ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई। लेकिन संवेदक द्वारा आवश्यक कागजात नहीं दिया। जिसके कारण उसे वर्कआर्डर नहीं दिया गया। खनन निरीक्षक भी मानते है कि सफेद बालू की अवैध खनन हो रहा है।
लेकिन इसको रोकने के लिए छापेमारी भी की जा रही है। उसके बाद गंडक नदी से बालू के अवैध खनन का धंधा जोरों पर है। स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद इस पर रोक नहीं लग पा रही है।
गंडक नदी किनारे स्थित गांव राजवाही,सिहोरवा,जगीरी टोला समेत एक दर्जन गांवों के आस-पास में हो रहे खनन को सहज ही देखा जा सकता है। यहां सुबह से ही बालू के इस अवैध कारोबार में जुड़े लोगों का जमघट लगना शुरू होता है। जहां देर शाम तक बेरोक-टोक खनन का कार्य धड़ल्ले से चलता है।
गंडक नदी से अवैध बालू खनन हो रहा है। रात के सन्नाटे और अंधेरे में खनन माफिया के आदमी बेखौफ तरीके से सफेद बालू का अवैध खनन कर रहे हैं। नदी के पास कई ट्रैक्टर-ट्रॉली खाली आते हैं। इसके बाद बालू लोड करके चले जाते हैं। इस मनमानी पर लगाम लगती नहीं दिख रही है।
पुलिस का रवैया इस मामले में सवालों के घेरे में है। बालू ढुलाई के बाद थाना के सामने से ही ट्रैक्टर-ट्रॉली गुजरते हैं, लेकिन कोई रोकने वाला नहीं। थाना पर तैनात पुलिस उनसे पूछताछ तक नहीं करती। खनन माफिया इस प्राकृतिक संपदा का दोहन कर मालामाल हो रहे हैं,
वहीं प्रशासन उस पर अंकुश लगाने में नाकाम है। ग्रामीणों के अनुसार बालू के हो रहे इस अवैध खनन को लेकर जिले के 52 किलोमीटर क्षेत्र के अतर्गत आने वाले इलाके में टेंडर किसा गया है। लेकिन कागजी खानापूर्ति संवेदक और खनन विभाग आपसी मेल कर पूरा नहीं कर रहे। जिसके आड़ में अवैध बालू का कारोबार चल रहा है। जानकारों के अनुसार खनन में लगे माफियाओं की पैठ गहरी है।
पुलिस व खनन विभाग के अधिकारियों से मिली भगत के चलते कारोबार फलफूल रहा है। ग्रामीणों के अनुसार प्रति दिन इस क्षेत्र में हो रहे खनन में बालू लदी दो से तीन सौ गाड़ियां यहां से निकलती हैं।
बालू माफियाओं के सामने प्रशासन बौना साबित हो रहा है। यहां खनन विभाग के चिन्हित घाट के साथ ही अवैध घाटों की संख्या अनगिनत। ऐसा भी नहीं है कि खनन विभाग के अधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं है कि गंडक नदी के किनारे कितनी घाट वैध है और कितनी अवैध। जबकि अवैध घाटों की संख्या गिनती से अधिक है। जिसको गिनना मुश्किल है। इस पूरे मामले में प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
प्रत्येक रोज लाखों रुपए राजस्व की चोरी बालू माफिया घाट वार के माध्यम से किया करते हैं, लेकिन प्रशासन के अधिकारी की चुप्पी ने इनका मनोबल बढ़ा कर रखा है। वही खनन विभाग के अधिकारी इसके प्रति लापरवाह बने हुए है। खनन निरीक्षक अजीत कुमार ने बताया कि गंडक नदी से बालू खनन की जानकारी मिली है। इस मामले में रात में छापेमारी की जाएगी। एक सप्ताह पहले अवैध बालू माफियों पर नकेल कसने के लिए अभियान चलाया गया था। तब बंद हो गए थे। फिर सक्रिय हुए है। नदी के पास मॉनिटरिंग की जा रही है। अवैध बालू पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी।