दरभंगा/बक्सर। आगामी कल मंगलवार को सुबह आठ बजकर सोलह मिनट पर शुरू हो रही रोहणी नक्षत्र को लेकर किसानो के चहरो पर ख़ुशी की झलक साफ देखी जा सकती है।
कारण भी है, इस बार ताऊते चक्रवात को लेकर बक्सर में 21 मई तक 79 एमएम के करीब वर्षा रिकार्ड की गई है। किसानों के लिए बीज डालने का माकूल महौल मौसम द्वारा ईजाद कर दिया गया है।
जिला कृषि विभाग के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 के दौरान जिले में एक लाख बीस हजार हेक्टेयर भूभाग पर धान की खेती की गई थी।गत वर्ष आंशिक बाढ़ की क्षति के बावजूद एक लाख तीन हजार किसानो द्वारा नब्बे हजार हेक्टेयर भूमि पर बम्पर धान की खेती हुई थी।
इस बार नब्बे हजार पांच हेक्टेयर भूभाग पर ही धान की खेती का लक्ष निर्धारित है , जो कि वर्ष 2020 की आपेक्षा दस हजार बीस हेक्टेयर कम है।कारण है कि बहुतेरे युवा किसान धान की परम्परागत खेती से इतर मेंथा ,सोयाबीन ,सूर्यमुखी फूल समेत सब्जी, बागवानी को प्रश्रय देकर आत्म निर्भर है।
25 मई से शुरू रोहणी नक्षत्र सात जून तक जारी रहेगी जिले में रोहणी नक्षत्र के दौरान बीज डालने की परम्परा आदमयुगीन है।अतः किसानों को बीज डालने में किसी भी प्रकार की कठिनाई ना हो इस बाबत जिला कृषि विभाग के द्वारा कोरोना दौर के बावजूद समय रहते बीज भंडारण का कार्य कर लिया गया था।
जिला कृषि विभाग के द्वारा बताया गया है कि बिहार राज्य बीज निगम ने 1805 क्विंटल धान का बीज मांग के अनुरूप उपलब्ध करा दिया है।जिले में बीज विक्रेताओं को चिन्हित कर उन्ही बीज भी उपलब्ध करा दिया है।
रोहणी नक्षत्र से पूर्व 21 मई तक जिले में 8945 किसानों की ओर से सरकार की ओर से निर्धारित दरों पर बीज क्रय के लिए कृषि विभाग को आवेदन दिया गया है।जिनमे 2045 किसानों की ओर से बीज का उठाव कर भी लिया गया है।
इस दौरान केंद्र सरकार किसानो के प्रति सहृदयता दिखाते हुए जरूरतमंद किसानो को महज एक आवेदन द्वारा सूचना मात्र से किसानो के घरो तक बीज पहुचा रही है।इस बाबत 2347 किसान इसका सीधा फायदा उठा चुके है।जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया की इस बार जिले में कीटनाशी दवा और उर्वरक की कोई कमी नही है।
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक माधान्ता सिंह ने कहा रोहणी नक्षत्र से पूर्व हुई वर्षा किसानो के लिए बरदान है।अगर किसान 25 मई से सात जून तक धान का बीज डाल देते है तो 155 दिनों में धान की फसल तैयार हो जायेगी जिसे नवम्बर के महीने में काटा जा सकता है।
धान के बीज को लेकर स्थानीय किसानों ने भी माना की बीज के लिए कभी भटकना पड़ता था ,या विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे या फिर ब्लाक से खरीदना पड़ता था,पर इस बार केंद्र सरकार की कुशल कृषि नीति से किसान के प्रति समर्पण भाव है कि महज एक सूचना मात्र से कृषि विभाग किसानों के घर तक बीज पहुंच रहा है।सुखद यह है कि बीज के लिए बिचौलिए की परिपाटी मिट गई।
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