जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा सियासी घमासान अब ट्वीटर और पोस्टर वॉर में तब्दील होने लगा है। पिछले कई दिनों से दोनों खेमों के समर्थकों के बीच ट्वीटर पर चल रहे आरोप प्रत्यारोप के बीच मंगलवार सुबह से ट्वीटर पर #पायलट_आ_रहा_है ट्रेंड कर रहा है।
करीब एक लाख से अधिक समर्थकों के साथ पायलट को लेकर ये हैशटैग एक नम्बर पर ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ ही पायलट समर्थकों ने राजधानी के गांधीनगर में एक बड़ा होर्डिंग लगाकर पोस्टर वार की भी शुरूआत की है।
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस के दोनों धड़े सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। जहां एक और अशोक गहलोत के समर्थित निर्दलीय विधायक और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक सोशल मीडिया पर सचिन पायलट और उनके समर्थक के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
वहीं सचिन पायलट के समर्थकों ने मंगलवार को जवाबी कैंपेन चलाते हुए ‘पायलट आ रहा है’ के ट्वीट्स की ताबडतोड बरसात शुरू कर दी। दोपहर तीन बजे तक एक लाख ग्यारह हजार ट्विट के साथ ये हैशटैग एक नम्बर पर ट्रेंड कर रहा है। इतना ही नहीं, सचिन पायलट के समर्थक सहित अन्य लोग उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठा रहे हैं।
पोस्टर में दर्शाई पायलट की संघर्ष गाथा
गांधीनगर में पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी के आवास के बाहर एक बड़ा होर्डिंग लगाया गया है उसमें लिखा है, राजस्थान ने देखा है, हम सबने देखा है। नीचे किसी नेता के नाम की जगह टीम सचिन पायलट लिखा हुआ है।
इस होर्डिंग में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर विपक्ष में रहकर सचिन पायलट के सड़क पर पुलिस की लाठियां खाने की चार तस्वीर लगाई गई है। पहली तस्वीर में पुलिस के लाठीचार्ज में पायलट को लगी चोट की तस्वीर है, दूसरी तस्वीर में पानी से भगे हुए और तीसरी तस्वीर में पायलट को पुलिस गला पकड़कर उपर उठा रही है। इन तस्वीरों के जरिए पायलट के संघर्ष को दिखाया है।
पोस्टर में जो तस्वीरें शामिल की हैं उनमें दो तस्वीर 3 मार्च 2015 की हैं। उस वक्त यूथ कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विधानसभा पर प्रदर्शन की है।
इस प्रदर्शन पर पुलिस लाठीचार्ज में सचिन पायलट, यूथ कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिंदर राजा, तत्कालीन यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक चांदना सहित 20 से ज्यादा नेता, कार्यकर्ता घायल हुए थे। सचिन पायलट समर्थक यही मुद्दा बना रहे हैं कि विपक्ष में रहकर पार्टी के लिए खून पसीना बहाने वालों की सुनवाई होनी चाहिए।