
बिरौल, देशज टाइम्स ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिरौल-गंडौल सड़क के उद्घाटन करने के दौरान पूरे कार्यक्रम में सीएम तो दूर किसी भी वक्ताओं ने बिरौल पंचायत अंतर्गत प्रधानमंत्री स्वराज ग्राम फकिरना का एक बार भी चर्चा करना तो दूर यहां के प्रधान पचकौड़ी साफी व ग्राम कचहरी के सरपंच विशुनदेव राम के अलावे यहां के कर्ताधर्ता पूर्व मुखिया बैजू मंडल व पंसस पूजा देवी का नाम तक लेना उचित नहीं समझा। इस विषय को लेकर स्थानीय लोगों ने दुख प्रकट किया। मुखिया संघ के उपाध्यक्ष मो.इम्तियाज, राजू पासवान, चंदन कुमार, दीपक पासवान,अश्विनी झा कौशल झा, सौरभ कुमार, सोमदेव पासवान सहित कई लोगों का कहना था कि जिस पंचायत में ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया हो वहां के पंचायत प्रतिनिधियों का नाम नहीं लेना दुर्भाग्य पूर्ण है। मंचासीन स्थानीय नेताओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए था कि आखिर जिस पंचायत सरकार भवन के कार्यों व अधिकारों की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं आम सभा में उपस्थित बीस से बाइस हजार के उपस्थित लोगों को दिया।

मिला बीस-बीस हजार का चेक
वहीं, बिरौल, देशज टाइम्स ब्यूरो के अनुसार, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का चेक व किसानों को कृषि फिडर से विद्युत कनेक्शन से संबंधित कागजात मुख्यमंत्री के हाथों वितरण कराया गया। स्वास्थ्य विभाग ने माध्यम से मंच पर पांच माताओं को बीस-बीस हजार का चेक मुख्यमंत्री के हाथों प्रदान कराया गया। इसमें रजबा गांव के तनु सिंह, बलिया के साई प्रवीण, सुपौल बाजार के फुलदाय देवी, तरबाड़ा के रंजन देवी, भवानीपुर के गुलेशा खातुन मुख्य थे जबकि कृषि फिडर से किसानों के खेत तक पटवन के लिए पांच किसानों को विद्युत कनेक्शन से संबंधित कागजात वितरण किए जिसमें किसान मनोज ठाकुर, भोला मिश्र, सुखसागर यादव,राजाराम यादव व चंद्रवीर यादव मुख्य थे।




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