बक्सर। गत 09 जुलाई के दिन आबूधाबी (गल्फ कंट्री ) में एक हादसे के दौरान बक्सर के बैदा गाँव निवासी रामजी यादव की हुई मौत की सूचना कम्पनी के सुपरवाइजर द्वारा मृतक के परिजनों को दिए जाने के बाद शोकाकुल परिजन रामजी के पार्थिव शरीर को बक्सर लाने के लिए भारत सरकार (विदेश मंत्रालय ) से सीधे सम्पर्क साधा था।
गरीबी रेखा से नीचे का जीवन वसर करने वाले मृतक के विधवा माँ और पत्नी को यह कतई उम्मीद नही थी कि वे अपने पुत्र व पति का अंतिम दर्शन कर पाएगी। बावजूद सरकार पर भरोसा था। गरीबो की सुनने वाली केंद्र सरकार हमारी जरुर सुनेगी और हुआ भी यही। गत शुक्रवार के दिन विदेश मंत्रालय द्वारा मृतक की माँ को सूचना दी गई की रामजी के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गाँव भेजा जा रहा है।
मुरार थाना पुलिस के देख रेख में राजी के पार्थिव शरीर को कुछ कागजी कोरम पूरा करने के बाद परिजनों को सौप दिया गया ताकि कुछ सरकारी अनुदान मिलने में उन्हें मदद मिल सके।
मृत मजदूर रामजी अपने पीछे चार पुत्र ,पत्नी और विधवा माँ को छोड़ कर दुनिया को अलविदा कहा है ।पुत्र के वियोग में बूढी विधवा माँ पाना देवी ने कहा की पांच वर्ष की अवस्था में ही रामजी के पिता की मौत हो गई थी ।बाद में परिवार के छह लोगो के भरण पोषण का जिम्मा रामजी के कंधो पर था ।अब वह भी हमे छोड़ गया शायद यह नियति का खेल है।