पंचायत चुनाव डेस्क। आधिकारिक रूप से भले ही पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन जिला प्रशासन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अपनी तैयारी तेज करते जा रहा है।
इसको लेकर आयोग के जारी दिशा-निर्देश का शत-प्रतिशत अनुपालन कराने पर जिला प्रशासन की ओर से कार्य किया जा रहा है। दस चरणों में मतदान समाप्ति के अगले दिन या दूसरे दिन मतगणना इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से होगी।
राज्य निर्वाचन विभाग के अनुसार किसी भी परिस्थिति में वर्ग चार के कर्मी को पीठासीन पदाधिकारी नहीं बनाया जायेगा। वहीं कार्मिक को अपने गृह व कर्तव्य स्थल से संबंधित प्रखंड के निर्वाचन क्षेत्र में किसी व्यक्ति को चुनाव कार्य में नहीं लगाना है।
आयोग के निर्देश के अनुसार किसी भी मतदान दल में एक ही सीरियल समूह के दो अधिकारी नहीं रहेंगे। मतदान दल के दो कर्मी एक ही विभाग के नहीं होंगे। वहीं किसी भी परिस्थिति में पीठासीन पदाधिकारी व प्रथम मतदान पदाधिकारी समान विभाग के नहीं होंगे। प्रत्येक मतदान दल में पीठासीन पदाधिकारी समेत पांच मतदान अधिकारी होंगे।
निर्देश के मुताबिक पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से प्रत्येक मतदान कर्मी को उसके वास्तविक मतदान केन्द्र की जानकारी मतदान केन्द्र के लिए रवाना होने से कुछ समय पहले दी जायेगी। जिला पंचायती राज पदाधिकारी अनंत कुमार ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के अनुरुप पंचायत चुनाव की तैयारियां चल रही है। अभी चुनाव को लेकर तिथि की घोषणा नहीं हुई है।
पंचायत कार्यालय सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनाव के उम्मीदवार अपने आवास व चुनाव कार्यालय पर प्रचार वाहन या चुनाव प्रचार करने के लिए पोस्टर, बैनर आदि का उपयोग कर सकते हैं। उम्मीदवार चुनाव प्रचार करने के लिए अपना कार्यालय खोल सकते हैं। लेकिन, चुनाव कार्यालय खोलने की सूचना उम्मीदवारों को संबंधित निर्वाची पदाधिकारी को देनी होगी। उन्हें बताना होगा कि चुनाव कार्यालय किस स्थान पर खोला गया है।
प्रत्येक मतदान केन्द्र पर त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के चार पदों पर ईवीएम से मतदान होने से कम से कम चार बीयू व चार सीयू के अलावा व ग्राम कचहरी के दो पदों पर मतपत्र से मतदान होने के कारण दो मतपेटिका का उपयोग होगा। ऐसे में मतदान दल में एक पीठासीन पदाधिकारी व मतदान पदाधिकारी एक से पांच रहेंगे यानि की पूर्व से दो अधिक। वहीं पंचायत चुनाव के लिए कर्मियों का डाटा नए सिरे से प्राप्त कर उसकी इंट्री तैयार नहीं की जायेगी बल्कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में संधारित कर्मियों के डाटाबेस ईपीएमआईएस के माध्यम से सत्यापन करना है।