
अलीनगर, देशज टाइम्स ब्यूरो। पकरी के मो. सरफराज की हत्या की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। वैसे, पुलिस की कोशिश लगातार केस सुलझाने की दिशा में आगे बड़ रही है। करीब एक सप्ताह पूर्व 31 दिसंबर की सुबह पकरी ठेंगहा सड़क के हुमैरा पब्लिक स्कूल के निकट सरफराज की लाश मिली थी। इसको लेकर दिन भर घटनास्थल पर अफरा-तफरी भी मची रही। पुलिस प्रशासन को शरारती तत्वों का आक्रोश भी झेलना पड़ा। घटना को सुलझाने के लिए पटना की एफएसएल टीम ने सोमवार को अलीनगर थाना पर पहुंची जहां से घटनास्थल पर पहुंचकर विभिन्न पहलुओं की जांच करते हुए घटनास्थल पर मोटरसाइकिल की टूटी पार्ट को भी इकट्ठा कर अपने साथ ले गई। दुर्घटनाग्रस्त मोटरसाइकिल की भी बारीकी से फिंगरप्रिंट व अन्य जांच का सैंपल लिया। वैसे जांच दल का यह भी कहना था कि फॉरेंसिक जांच में सही सबूत दुर्घटना के 72 घंटे के अंदर ही आता है। ज्यादा समय बीतने पर निशान समाप्त हो जाता है।

वहीं इस मामले में लीलपुर,टीकापट्टी व गरोल गांव के कुल 7 लोगों का फिंगरप्रिंट भी संबंधित प्रपत्र में जांच दल अपने साथ ले गई जिनमें लीलपुर के पचपन वर्षीय मो. सईद, 32 वर्षीय मो. रब्बानी, 28 वर्षीय मो. मुस्तकीम,78 वर्षीय अब्दुल करीम, तीस वर्षीय मो. समीम, टीकापट्टी के चालीस वर्षीय कुशेश्वर लालदेव व गरौल के 35 वर्षीय मो. गुलजार शामिल हैं। थानाध्यक्ष ने जांच रिपोर्ट भी जांच दल को समर्पित कर दिया जिसे विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक पड़ताल करेंगे। जांच दल में फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ योगेंद्र प्रसाद व फोटो ब्यूरो विशेषज्ञ दिनेश कुमार सिंह शामिल थे। जांच दल से मिलने पहुंचे बेनीपुर एसडीपीओ उमेश्वर चौधरी ने उनसे बात करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा पुलिस के नजदीक दर्ज मामला तो हत्या का बताया गया है इसलिए जांच दल किसी बिंदु को नहीं छोड़ना चाहती है। पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताना उचित होगा।


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