बिहार में पंचायत चुनाव में मतदान के बाद मुखिया जी, सरपंच जी और जिला परिषद समेत पंचायत समिति सदस्य और वार्ड मेंबर को सेहरा बांधने में देर नहीं लगेगी। दिल की धड़कनें भी ज्यादा दिनों तक ईवीएम या वैलेट में नहीं धड़केंगे ना ही उनका मतदान सील होकर रहेगा। जी हां, वोटिंग के 48 घंटों बाद ही यह पता चल जाएगा कि किस गांव से कौन मुखिया बना है।
चार पदों पर ईवीएम से और दो पदों पर बैलेट से चुनाव होगा। बिहार के मुख्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने कहा कि देश भर से ईवीएममशीन जुटाना सबसे बड़ी चुनौती थी।
बिहार चुनाव आयोग ने मंगलवार की दोपहर चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई है। पहले जिन जिलों में बाढ़ नहीं है वहां मतदान कराए जाएंगे।
वोटिंग के बाद रिजल्ट के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। अभी तक सभी चरण पूरे होने पर एक साथ गिनती कराई जाती रही है। यूपी के पंचायत चुनाव में भी सभी चरणों के बाद गिनती हुई थी। लेकिन बिहार में हर चरण की वोटिंग के एक दिन बाद ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि वोटिंग के 48 घंटों बाद ही यह पता चल जाएगा कि किस गांव से कौन मुखिया बना है।
सभी जिलों में ईवीएमकी चेकिंग हो गई है। हर चरण के लिए 2।56 लाख ईवीएम की जरूरत थी। अभी हर चरण के लिए 2.1 लाख ईवीएम लगाया गया है। चुनाव के लिए 10 प्रतिशत ईवीएम रिजर्व रखे गए हैं। 2 लाख बैलेट बॉक्स रखे गए हैं।
इसके बाद बाढग़्रस्त क्षेत्रों में चरणवार मतदान होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन के लेकर जारी निर्देश में कहा है कि अधिसूचना के अगले दिन से सातवें दिन तक प्रत्याशी नामांकन कर सकेंगे।
यदि नामांकन के अंतिम दिन सार्वजनिक अवकाश होगा तो नामांकन की मियाद एक दिन बढ़ाई जा सकेगी। इस बार छह करोड़ 38 लाख 94 हजार 737 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।