
सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अलग ही अंदाज में नजर आए। फरियाद लेकर आई सिपाही की पत्नी के पुत्र को एसएसपी ने अपनी कुर्सी पर बैठा दिया। उन्होंने उसके बगल में कुर्सी डालकर महिला की पीड़ा सुनी और उसे न्याय का आश्वासन भी दिया।
सोमवार को महिला पूर्णिमा अपने सात वर्षीय बेटे सूर्यांश के साथ पुलिस कप्तान के पास अपनी पीड़ा सुनाने पहुंची थी। वह बाहर खड़ी होकर एसएसपी शिव हरि मीणा के आने का इंतजार कर रही थी।
एसएसपी की गाड़ी आते ही उसने अपने बेटे के साथ दौड़ लगा दी
एसएसपी की गाड़ी आते ही उसने अपने बेटे के साथ दौड़ लगा दी। यह देख कर एसएसपी दोनों को साथ में कांन्फ्रेंस हॉल में ले आए। इससे पहले कि एसएसपी अपनी कुर्सी पर बैठते, बालक सूर्यांश लपककर उनकी कुर्सी पर बैठ गया।
पुलिस कर्मियों ने उसे कुर्सी से उठाने की कोशिश की
यह देख वहां मौजूद कुछ पुलिस कर्मियों ने उसे कुर्सी से उठाने की कोशिश की, लेकिन वह मचल गया। इस पर एसएसपी ने उसे कुर्सी पर बैठे रहने दिया और खुद बगल में दूसरी कुर्सी पर बैठ गए।
बालक तकरीबन 15 मिनट तक एसएसपी की कुर्सी पर बैठ कर मोबाइल फोन से खेलता रहा
बालक तकरीबन 15 मिनट तक एसएसपी की कुर्सी पर बैठ कर मोबाइल फोन से खेलता रहा। इसके बाद एसएसपी महिला और बच्चे के साथ दूसरे कक्ष में चले गए और उसकी फरियाद सुनीं।
पीड़ित महिला पुलिस विभाग में ड्राइवर के पद पर तैनात अपने पति रविंद्र यादव की शिकायत लेकर पहुंची थी। उसने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।
इस एसएसपी ने आश्वस्त किया कि पति को बुलाकर समझाया जाएगा और यदि वह नहीं माना तो कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कप्तान के इस अंदाज की चर्चा पूरे शहर में जोरों पर है।