रांची। डीसी छवि रंजन पर आर्म्स लाइसेंस निर्गत करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। यह आरोप अरगोड़ा में किराए के मकान पर रहने वाले ओम प्रकाश शर्मा ने लगाया है। वह सरकारी विभागों में सप्लाई का काम करते हैं।
ओम प्रकाश ने कहा
डीसी छवि रंजन ने कहा कि लाइसेंस ऐसे ही नहीं मिलता। उसके लिए पांच लाख रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित अन्य अधिकारियों को इसे लेकर शिकायत की है। इसी आवेदन के आधार पर रांची के आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के लिए उन्होंने रांची समाहरणालय का दौरा किया। उन्होंने आर्म्स सेक्शन की जांच की। फिलहाल जांच जारी है।
ओम प्रकाश ने लगाया आरोप
है कि रांची डीसी से जब वह मिले तो उन्होंने बताया कि आर्म्स लाइसेंस लेने में पांच लाख का खर्च लगता है। उन्होंने मुझे कहा कि जाइए और आर्म्स मजिस्ट्रेट संजय प्रसाद से मिल लीजिए। वह आपको सारी चीजें समझा देंगे।
इसके बाद ओम प्रकाश संजय प्रसाद से मिला। उन्होंने कहा कि दो चेक लगेंगे। उसके बाद डीसी छवि रंजन के गोपनीय शाखा में निश सेठी नामक व्यक्ति बुलाया गया। निश सेठी ने कहा कि एक चेक क्राय चाइल्ड राइट्स एंड यू के नाम से बनेगा जो 1,90,200 का होगा। जबकि दूसरा चेक अमेटी यूनिवर्सिटी झारखंड के नाम से बनेगा जो 1,30000 का होगा।
चेक भरने का काम डीसी कार्यालय के प्रतीक पांडेय ने किया। उसके बाद क्राय चाइल्ड राइट्स एंड यू के बी हाजरा का मेरे पास फोन आया। उन्होंने कहा कि अविनाश दुबे नाम का आदमी आपके पास जाएगा। आप उन्हें चेक दे दीजिएगा।
अविनाश दुबे मेरे पास आए और चेक ले गए। चेक देने के बाद जब ओम प्रकाश डीसी रांची से मिले तो उन्होंने कहा कि 31 मार्च के बाद आपका काम हो जाएगा। इसका प्रमाण भी मेरे पास है। लेकिन काफी दिन बीत गए और मुझे आर्म्स का लाइसेंस नहीं मिला। तब जाकर ओम प्रकाश प्रमंडलीय आयुक्त, मुख्य सचिव झारखंड और गृह विभाग के सचिव से मामले की शिकायत की।
शिकायत के बाद अधिकारियों द्वारा रांची डीसी को लाइसेंस निर्गत करने का निर्देश दिया गया। लेकिन फिर भी रांची डीसी ने लाइसेंस नहीं दिया। साथ ही मुझे जान से मार देने और किसी मामले में फंसा देने की धमकी दी जाने लगी।
आखिरकार मैंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, गृह सचिव, मुख्य सचिव और डीजीपी को आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की। इस मामले को लेकर रांची डीसी से संपर्क किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।