पटना। छात्रवृति और पोशाक राशि में 1.12 करोड़ गबन करने के आरोप में शिक्षा विभाग ने बिहार के 97 प्रधानाध्यापकों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई (Order to file FIR against 97 principals) करने का आदेश दिया है।
इन सभी प्रधानाध्यापकों के खिलाफ शिक्षा विभाग की जांच में बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई गई है। ये सभी प्रधानाध्यापक बिहार के सीतामढ़ी जिले में पदस्थापित हैं।
डीपीओ स्थापना महेश प्रसाद सिंह ने साल 2015-16 में छात्रवृत्ति और पोशाक की राशि वितरण में अनियमितता बरतने को लेकर सीतामढ़ी जिले के 16 प्रखंड के 97 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर केस कर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
इसमें सोनबरसा के 13, बथनाहा के सात, सुरसंड के 10, डुमरा के एक, नानपुर के एक, चोरौत के चार, पुपरी के 25, बोखड़ा के तीन, बाजपट्टी के चार, बेलसंड के सात, परसौनी के दो, रुन्नीसैदपुर के छह, बैरगनिया के चार, मेजरगंज के तीन, रीगा के तीन और सुप्पी के चार स्कूलों के प्रधानाध्यापक शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि इन सभी ने मिलकर छात्रवृति और पोशाक राशि में एक करोड़ 12 लाख 75 हजार 700 रुपये का गबन किया है। कई प्रधानाध्यापकों ने अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया है।
बीईओ को निर्देश देते हुए कहा है कि अगर गबन की राशि संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने जमा कराई है तो तीन दिनों के भीतर साक्ष्य उपलब्ध करायें, नहीं तो संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाये।
डीपीओ स्थापना महेश प्रसाद सिंह के मुताबिक अगर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश का पालन नहीं किया तो संबंधित प्रखंड के बीईओ पर जवाबदेही निर्धारित करते हुए निदेशालय को प्रतिवेदित कर दिया जायेगा।
डीपीओ ने बताया कि जांच कमेटी की सौंपी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश पूर्व में दिया गया था। इसके अनुपालन को लेकर सभी बीईओ संबंधित प्रधानाध्यापक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा गया है। साथ ही जो प्रधानाध्यापक राशि जमा कराएं हैं, उनका साक्ष्य उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।




