बिहार में सुपौल जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के सिसोनि गांव निवासी मजदूर विपिन चौहान का होश उड़ गया जब गांव के बगल में बेलाटेढा सीएसपी केंद्र में लेबर कार्ड बनाने के लिए खाता खुलवाने के लिए गया तो बताया गया कि उसके नाम पर पहले से ही यूनियन बैंक की सुपौल शाखा में बैंक खाता खुला हुआ है। जिसमे अत्यधिक ट्रांजेक्शन की वजह से खाता फ्रीज कर दिया गया है। इस कारण उसका दोबारा खाता नहीं खुल सकता है।
जानकारी के अनुसार यूनियन बैंक में विपिन के नाम पर 13 अक्टूबर 2016 में ही खाता खुला और फरवरी 2017 तक तक में उक्त खाते पर 9 करोड़ 99 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन कर लिया गया।
परेशान विपिन जब बैंक पहुंचा तो बैंक अधिकारी ने उसके खाता होने की पुष्टि की। विपिन को दूसरे दिन तमाम डॉक्यूमेंट के साथ बैंक आने को कहा गया। सबसे खास बात है कि खाते में न तो विपिन का फोटो है और न ही हस्ताक्षर। खाता पर मोबाइल नं.7282101052 है। हालांकि खाता खोलने में विपिन के आधार कार्ड का ही उपयोग किया गया है।
विपिन का कहना है-
आधार कार्ड उसे पोस्ट ऑफिस के जरिए मिला था और जिस लिफाफे में आधार कार्ड आया था वह खुला हुआ था। तब उसने आपत्ति भी जताया था। शाखा प्रबंधक रविशंकर करोड़ो के ट्रांजेक्शन को बेबुनियाद बताते कहा कि फिलहाल निकासी पर रोक लगा दी गई है।
जबकि मामले की जांच करने के लिए जोनल ऑफिस रांची से पहुंचे संतोष कुमार खां मानते हैं कि प्रथम दृष्टया यह साइबर क्राइम से जुड़ा मामला प्रतीत होता है। फरवरी 2017 में ही साइबर क्राइम डिपार्टमेंट द्वारा खाते को सील कर दिया गया है। अन्य तथ्यों का खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा।