चुनाव को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने को लेकर आयोग की ओर से दिशा निर्देश दिया जा रहा है। आयोग की ओर से कहा गया है कि वोटों की गिनती होने के 15 दिन के भीतर चुनाव खर्च का पूरा ब्योरा तैयार कर निर्वाची पदाधिकारी के पास जमा करना अनिवार्य होगा।
अगर कोई उम्मीदवार ऐसा नहीं करते हैं तो अगले चुनाव में उनको उम्मीदवार बनने से वंचित कर दिया जाएगा। वहीं अगर कोई उम्मीदवार तय सीमा से अधिक राशि खर्च करने का दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
पंचायत चुनाव के मद्देनजर विभिन्न पदों के उम्मीदवारों की खर्च सीमा भी राज्य निर्वाचन आयोग ने तय कर दिया है। किस पद के उम्मीदवार को चुनाव में कितना खर्च करना है, इसको लेकर भी दिशा निर्देश जारी किया गया है।
आयोग की ओर से जारी दिशा निर्देश के अनुसार जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार अधिकतम एक लाख तक चुनाव में खर्च कर सकते हैं।
इसी तरह ग्राम पंचायत के मुखिया और सरपंच पद के उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा 40 हजार रुपये निर्धारित की गई है। पंचायत समिति के उम्मीदवार 30 हजार तथा पंच व वार्ड सदस्य के उम्मीदवारों को 20 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है।
आयोग ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि नामांकन की तारीख एवं रिजल्ट की घोषणा की तारीख की अवधि में चुनाव में जुड़े सभी खर्च का ब्योरा रखना होगा। पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजने के साथ ही मैदान में अपनी किस्मत आजमाने वाले बाकी प्रखंड के उम्मीदवार प्रचार-प्रसार को लेकर रणनीति तैयार करने लगे हैं। ऐसे में रिक्शा, बैलगाड़ी व घोड़ा गाड़ी से भी जो उम्मीदवार प्रचार करना चाहते हैं, उन्हें प्रचार की अनुमति दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में वाहनों के उपयोग की अनुमति के संबंध में भी दिशा निर्देश जारी किया है।
पंचायत निर्वाचन के लिए आयोग द्वारा ग्राम पंचायत के सदस्य व ग्राम कचहरी के पंच के उम्मीदवार को चुनाव प्रचार के लिए मात्र एक यांत्रिक दोपहिया वाहन, मुखिया, सरपंच व पंचायत समिति के सदस्य पदों के उम्मीदवार को दो यांत्रिक दोपहिया वाहन तथा एक हल्का मोटर वाहन तथा जिला परिषद सदस्य पद के लिए अधिकतम चार दो पहिया या दो हल्के वाहन तथा एक हल्का मोटर वाहन इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की गई है।