निर्मली। सुपौल जिले से लगी इंडो -नेपाल के कुनौली बॉर्डर को विधिवत खोल दिया गया हैं।नेपाल के सख्त नियम कानून की वजह से भारतीय निजी वाहनों को अब भी नेपाल में प्रवेश करना मुश्किल हैं।
एक अर्से से बंद सीमा को खोल दिया गया है
कोविड को लेकर पिछले 18 माह से बंद कुनौली नेपाल बॉर्डर को भारतीय वाहनों के लिए गुरुवार शाम से खोल दिया गया।सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में हर्ष था कि एक अर्से से बंद सीमा को खोल दिया गया हैं।
नेपाल सरकार ने बंद सीमा को खोलने के बाद निजी वाहनों को नेपाल प्रवेश करने पर विधि व्यवस्था सख्त कर दिया गया हैं। नियम कानून सख्त लागू करने के वजह से अब भारतीय लोगों को नेपाल जाने में और भी समस्या हो रही हैं।
कोरोना प्रोटोकॉल ने नेपाल प्रवेश पर बढ़ाई मुश्किल
नेपाल वाहन लेकर जाने वाले को 72 घंटा पहले नेपाली कस्टम कार्यालय में वाहन के ऑनर बुक में दर्ज ऑनर का नाम, प्लेट नम्बर,इंजिन नम्बर,चेचिस नम्बर के साथा -साथ वाहन चालक अपना लाइसेंस के साथ ऑनलाइन करना अनिवार्य कर दिया हैं।
इतना ही नहीं नेपाल जाने वाले लोगों को 48 घंटा पहले का कोरोना का जांच सर्टिफिकेट और कोविड 19 वैक्सीन दोनों डोज का सर्टिफिकेट रहने के बाद ही नेपाली कस्टम कार्यालय की ओर से भारतीय को बॉर्डर प्रवेश करने की अनुमति हैं।
एसएसबी ने भी विभागीय आदेश पर गुरुवार शाम को बॉर्डर को निजी वाहन जैसे बाईक, चार पहिया वाहन के आवाजाही की अनुमति दे दी है लेकिन बस सहित अन्य व्यवसायिक सवारी वाहनों की आवाजाही पर अब भी रोक लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए बॉर्डर से आने-जाने वाले लोगों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप ही आना जाना होगा।
बॉर्डर पर तैनात जवान पैदल यात्री सहित बाइक, कार सहित अन्य निजी वाहनों की सघन तलाशी के पश्चात-कुनौली आने और जाने दे रहा हैं। भारत-नेपाल के मिथिलांचल, कोशी अंचल इलाके में लोगों के बीच बेटी-रोटी का संबंध है। निजी वाहनों की आवाजाही शुरू होने से लोग काफी उत्साहित है। लेकिन कॅरोना प्रोटोकॉल ने सब पे पानी फेर दिया हैं।
24 मार्च 2020 से बंद था इंडो-नेपाल बॉर्डर
कोविड महामारी को लेकर 24 मार्च 2020 से ही भारत-नेपाल सीमा के कुनौली बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था। कोविड के दूसरा फेज के खत्म होने के बाद बॉर्डर खोलने को लेकर खासकर नेपाल में महीनों तक प्रदर्शन हुआ था।
21 सितम्बर को नेपाल मंत्री परिषद ने अपना बॉर्डर खोलने का निर्णय किया था।बॉर्डर बंद रहने से सीमावर्ती क्षेत्र की बेटियों के लिए अपने मायके आना-जाना भी दुश्वार हो गया हैं। जो की अब सहज हो गया है। युगों युगों से ही भारत-नेपाल के बीच बेटी-रोटी का संबंध चला आ रहा है। बॉर्डर बंद होने से दोनोें देश में रह रही बेटियों से मिलना भी मुश्किल हो गया था।
नेपाल सप्तरी के बेलही स्थित नेपाली कस्टम कार्यालय के अधिकृत अभिषेक कुमार ने कहा कि अर्थमन्त्रलय और गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार इंडो नेपाल का बंद बॉर्डर को कोरोना प्रोटोकॉल को पालन करने के बाद निजी वाहनों को नेपाल में प्रवेश करने की अनुमति दिया गया हैं।