
जाले,देशज टाइम्स ब्यूरो। कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में कृषि वैज्ञानिकों ने मछली पालन प्रशिक्षण के अंतिम दिन मछली सह मशरूम उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण देते हुए किसानों को इससे जुड़ने की अपील की। मत्स्य पालन तकनीक की जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामप्रवेश प्रसाद ने बताया कि समेकित मत्स्य पालन के साथ तालब के बांध पर मशरुम उत्पादन का इकाई आसानी से स्थापित कर मछली उत्पादन के साथ मशरुम उत्पादन कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। मछली पालन वाले तालाब के निकट का वातावरण मशरुम वृद्धि के लिए ज्यादा अनुकूल होता है।

मौके पर मत्स्य जनित उत्पादन कंम्पनी के प्रतिनिधि शैलेश कुमार ने कंपनी के अलग-अलग प्रोडक्ट जो मछली पालन में उपयोग होता है, उसके संदर्भ में संक्षिप्त रूप से प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी दी। मत्स्य वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने मछलियों के विभिन्न बीमारियों व रोग जैसे ईयूस, अर्गुलोसिसिस,ठंड में तालाब प्रबंधन के बारे में विशेष प्रशिक्षण देते हुए प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रतिभागियों को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के सौजन्य से प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र वितरण कर उनके उज्वल भविष्य की कामना की। समापन उदभोदन केंद्र प्रभारी सह कार्यक्रम समन्यवयक डॉ. आनंद प्रसाद राकेश ने किया।



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