कोरोना की दूसरी लहर से भले ही लोगों को थोड़ी राहत मिल गई हो लेकिन पहले वायरल बुखार और अब डेंगू ने राजधानी पटना के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य विभाग सतर्क
डेंगू रोगियों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तेज बुखार और जोड़ों-आंखों में दर्द की शिकायत करने वालों की डेंगू जांच रैपिड किट से कराने के निर्देश दिए हैं। रैपिड किट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनकी एलाइजा विधि से जांच कराई जाती है।
पटना के ज्यादातर इलाके तेजी के साथ डेंगू से प्रभावित होते जा रहे हैं। डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य महकमा भी परेशान है। पटना में सात डेंगू पीड़ितों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
बड़ी चिंता की बात यह है
ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। 19 अक्टूबर तक फॉगिंग और लार्वासाइड का स्प्रे नहीं होगा, क्योंकि सभी स्टाफ दशहरा की छुट्टी में जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो जिले में अबतक डेंगू के कुल 68 मरीज मिले हैं। इनमें से 55 जगहों पर फॉगिंग हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोकामा, फतुहा, बख्तियारपुर, पंडारक, बिक्रम, बिहटा पुनपुन आदि जगहों पर डेंगू के मरीज मिले हैं।
पटना में दो रोगी पीएमसीएच परिसर के हैं जबकि एक-एक संक्रमित महेंद्रू, राजेंद्रनगर रोड नंबर 8, खासमहल, गुलजारबाग और पुनपुन के हैं। इसके साथ ही जिले में डेंगू रोगियों की संख्या 68 हो गई है। इसके अलावा चिकनगुनिया के तीन और जापानी इंसेफेलाइटिस के दो मरीज मिल चुके हैं।
डॉक्टरों के अनुसार आशंकित लोगों के ही नमूने लैब में जाने से रोगियों की संख्या बढ़ी है। वहीं जो प्राइवेट लैब एनएस-1 किट से जांच कर रही है, उनसे पाजिटिव लोगों की सूचना देने को कहा गया है. ऐसे लोगों की एलाइजा विधि से जांच कराकर डेंगू की पुष्टि की जाती है।
जानिए क्यों होता है डेंगू, हो जाइए अलर्ट
डेंगू की बढ़ती संक्रमण क पीछे सबसे बड़ी वजह मौसम में बदलाव और डेंगू के मच्छर पैदा होने के लिए जलजमाव जैसी समस्या है। वैसे भी, राजधानी पटना में हर साल लगभग सितंबर-अक्टूबर के महीने में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. लेकिन इस बार बारिश ज्यादा हुई लिहाजा जलजमाव की समस्या भी ज्यादा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक के डेंगू के मच्छर साफ जगह पर जमा हुए पानी के अंदर पैदा होते हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि वह अपने आसपास किसी तरह का पानी जमा न होने दें।