चंडीगढ़। पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने हत्या के एक मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही चार अन्य आरोपियों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये और बाकी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत परिसर में और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए। पुलिस ने सोमवार को को अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने की संभावना के मद्देनजर पंचकूला और सिरसा में भी सुरक्षा कड़ी कर दी जहां डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है।
गुरुमीत राम रहीम हत्या और रेप के आरोप में पहले ही आजीवन कारावास काट रहे हैं। वह रोहतक जेल में बंद हैं। अब उनके ऊपर मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या में शामिल होने पर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दरअसल रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा में मैनेजर थे। एक रेप की घटना के बाद उन्होंने डेरा सच्चा सौदा छोड़ दिया था।
इससे पहले 12 अक्टूबर को कोर्ट ने डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में इन भी को दोषी ठहराया था। सजा पाने वालों में गुरमीत रहीम रहीम के अलावा कृष्ण लाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल हैं।
राम रहीम ने रणजीत सिंह को वापस डेरा सच्चा सौदा में मैनेजर बनने का दबाव बनाया जब वह नहीं माने तो कुरुक्षेत्र में उनके गांव के पास उनकी हत्या कर दी गई। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। 2002 में हुई इस हत्या का केस तब से पेडिंग था। अब 19 साल बाद इस पर फैसला आया है।
इससे पहले सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एच पी एस वर्मा ने पंचकूला में अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा था कि सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों ने सजा पर दलीलें पूरी की। कुछ दोषियों के वकील ने वक्त मांगते हुए कहा कि वे अभियोजन पक्ष की ओर से रखी कुछ बातों पर गौर करना चाहते हैं। उनके अनुरोध पर अदालत ने मामला 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था।
गुरमीत राम रहीम सिंह 1990 से लेकर आज तक विवादों में रहे। राम रहीम सिंह से 12 बड़े विवादों से जुड़े रहे। रणजीत सिंह मर्डर मामलें में सीबीआई कोर्ट सोमवार को राम रहीम सहित 5 आरोपियों को जुर्माना सहित उम्र कैद की सजा सुनाई। डेरा सच्चा सौदा की स्थापना साल 1948 में शाह मस्ताना ने की थी। मौजूदा प्रमुख गुरमीत सिंह ने 1990 में डेरे की गद्दी संभाली थी। 90 के दशक से लेकर आज तक डेरा और उसके प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह प्रमुख विवादों में रहे है।
बच्चे की मौत को लेकर पत्रकारों से विवाद
1998 में गांव बेगू का एक बच्चा डेरा की जीप के नीचे आ गया। इसके बाद गांववालों का डेरा से विवाद हो गया। डेरा पर घटना का समाचार प्रकाशित करने पर अखबारों के नुमाइंदों को धमकाने के आरोप लगे। बाद में डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति और मीडिया कर्मियों की पंचायत हुई। इसमें डेरा सच्चा सौदा की तरफ से लिखित माफी मांगी गई थी।
यौन शोषण के आरोप वाली गुमनाम चिट्ठी
13 मई 2002 में डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने डेरा प्रमुख पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को गुमनाम चिट्ठी भेजी और इसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई थी। 10 जुलाई, 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की हत्या हो गई थी।
पत्रकार पर जानलेवा हमला और मौत
24 अक्टूबर, 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक पूरा सच के संपादक रामचन्द्र छत्रपति को घर के बाहर गोलियां मारी गई। आरोप डेरा पर लगा। मीडियाकर्मियों ने जगह-जगह धरने-प्रदर्शन किए। 21 नवंबर 2002 को रामचन्द्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। जिसमें उम्र केद की सजा राम रहीम सुनारियां जेल में भुगत रहा है। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में 16 साल बाद 2019 में उम्रकैद की सजा हुई थी।
गुरुगोबिंद सिंह जैसी वेशभूषा को लेकर विवाद
मई 2007 में पंजाब के बठिंडा में डेरा सलावतपुरा में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह की वेषभूषा को लेकर विवाद हो गया। अखबारों में छपी तस्वीरों में वह जिस परिधान में नजर आ रहे थे, सिखों का कहना था कि वह उनके दसवें गुरु गोबिंद सिंह की वेशभूषा की नकल है।
डेरा के पूर्व मैनेजर की गुमशुदगी को लेकर आरोप
2010 में डेरा के पूर्व साधु राम कुमार बिश्नोई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके डेरा के पूर्व मैनेजर फकीर चंद की गुमशुदगी की सीबीआई जांच की मांग की थी। बिश्नोई का आरोप था कि डेरा प्रमुख के आदेश पर फकीर चंद की हत्या कर दी गई है। बिश्नोई ने उच्च न्यायालय में क्लोजर को चुनौती दी हुई है।
डेरा के साधुओं को नपुंसक बनाने का आरोप
फतेहाबाद जिले के टोहाना में रहने वाले हंसराज चौहान ने 17 जुलाई 2012 को हाई कोर्ट में याचिका डालकर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर डेरा के 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के आरोप लगाया था। जिसको लेकर सीबीआई कोर्ट पंचकूला में आज भी मामला चल रहा है।