back to top
1 नवम्बर, 2024
spot_img

Special Kojagra Report: आज आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा का महापर्व कोजागरा है, क्या है पर्व का खास संदेश, दरभंगा संस्कृत विवि के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ.परमेंदु पाठक से देशज टाइम्स के लिए सतीश चंद्र झा की खास बातचीत पर आधारित रिपोर्ट

spot_img
spot_img

देशज टाइम्स | Highlights -

spot_img

बेनीपुर। मिथिला का प्रसिद्ध लोक पर्व कोजागरा को लेकर मंगलवार को क्षेत्र में विशेष चहल-पहल देखी जा रही है खासकर नवविवाहित युवाओं के घर तो आज उत्सव महोत्सव का माहौल देखने को मिल रही है।

 

इस अवसर पर नवविवाहित युवाओं के ससुराल से भार (संदेश) के रुप में आए फल, मिठाई एवं मखान बांटने की परंपरा मिथिला में सदियों से चली आ रही है और यह दिन खास उत्साह का दिन माना जाता है।

जब नवविवाहित युवा की ओर से विभिन्न पूजा-अर्चना के बाद अपने सगे संबंधियों के साथ-साथ इष्ट, मित्र ,बंधु बांधव को हकार देकर अपने घर बुलाया जाता है और उन्हें स सम्मान प्रसाद, पान और मखान वितरित की जाती है।

नए रस्मो रिवाज में तो भोज खिलाने की प्रथा भी जुट गई है जो अपने परिजनों को निमंत्रण देकर ससुराल से आए फल, मिठाई के साथ साथ अन्य पकवान तैयार कर खिलाया जाता है। वैसे आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को यह पर्व कोजागरा के रूप में मनाए जाने की परंपरा सदियों से रही है।tonight is special for Mithila due to Kojagra

डॉ.परमेंदु पाठक बताते हैं

इस संबंध में कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ.परमेंदु पाठक बताते हैं कि आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजा का विशेष प्रचलन मिथिलांचल में है।

द्वार पूजन के पश्चात सामान्य लोग भी लक्ष्मी के साथ-सथ इंद्र कुबेर आदि देवी-देवताओं का पूजा अर्चना करते हैं। वैसे इस संबंध में किंबदंती है कि आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन भगवान श्री कृष्ण वृंदावन के मधुबन में गोपियों के साथ रासलीला मनाते थे जिसे देखने के लिए लक्ष्मी के साथ-साथ अन्य देवी देवता पहुंचते थे और भगवान श्री कृष्ण स्वयं सभी देवी देवताओं का स्वागत में तत्पर रहते थे।

इसी उपलक्ष में कोजागरा का आयोजन किया जाता है इस दिन के संबंध में कहा जाता है कि सभी देवी दवता पूरे रात जागकर बिताते हैं इसलिए लोग भी मिथिलांचल में देर रात देवी देवता का पूजन कर आवाहन करते हैं।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -