प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा के बढ़ते जल स्तर ने इस बार छठ व्रतियों समेत बक्सर जिला प्रशासन को सकते में डाल दिया है।
मानसून के जाने के बाद गंगा के इस विकराल रुप को देख कर अचंभित हो रहे है। खुद केन्द्रीय जल आयोग का भी कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अक्टूबर माह के दौरान गंगा का जल स्तर चार मीटर की बढ़ोतरी पर है।
आज की तारीख में गंगा अपनी चेतावनी बिंदु 54 .09 मीटर से महज एक मीटर नीचे बह रही है। ऐसे में घाटों की किल्लत का होना लाजमी है।
महान आस्था का पर्व छठ की शुरुआत आठ नवम्बर से होनी है। अतः प्रशासन के समक्ष चुनौती यह है कि करे तो क्या क्या करे, इस बाबत बक्सर नगर परिषद के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा कई दौर की बैठक की गई है।
अंत में यह निर्णय लिया गया है कि गंगा घाटों की चौड़ाई का विकल्प खत्म होने के बाद बस एक ही विकल्प शेष बचा है कि गंगा के तट को लम्बाई में विस्तार देते हुए कुछ नये घाटों का निर्माण किया जाए।
पूर्व के वर्षो में बक्सर नगर परिषद के अंतर्गत 26 घाटों का निर्माण कर छठ पूजा की जाती थी,इसबार तीन नये घाटों निर्माण कर कुल घाटों की संख्या 29 की गई है ।जिनमें सात घाट को खतरनाक घाट की श्रेणी में रखा गया है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासनिक अमला हर दिन गंगा समेत घाट की निगरानी कर रहा है ।जिला प्रशासन के द्वारा लोगो से अपील की जारी है कि इस बार भी लोग घरों में रहकर ही छठ पूजा करे।हालाकि गत वर्ष की तुलना में इस बार अर्घ के लिए घाटों पर जाना प्रतिबंधित नही है,पर अपील जरुर है कि आस्थावान लोग घाट पर जाने से पूर्व सतर्कता के लिए कोविड-19 टीकाकरण जरुर करवाए।
हिन्दू आस्था का महा पर्व छठ को लेकर कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद लोगो में इस बार गंगा तट पर छठ पूजा को लेकर आपार उत्साह है।उल्लेखनीय है कि कैमूर,रोहतास ,विक्रमगंज आदि जगहों से पवित्र गंगा की घाट पर छठ करने लोग आते ही है।भीड़ का आना इस बार भी लाजमी है।जिसे देखते हुए छठ पूर्व ही प्रशासन पूर्णतः सचेत है।
छठ पर्व दीपावली को लेकर आने वाली बाहरी भीड़ को देखते हुए बक्सर स्टेशन परिसर समेत जयप्रकाश बस पड़ाव पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 जांच केंद्र और टीकाकरण केंद्र की स्थाई व्यवस्था की गई है।बक्सर रेल पुलिस द्वारा भी इस कार्य में महत्वपूर्ण सहयोग किया जा रहा है।