वर्षों से बाढ़ व सुखाड़ की दोहरी मार झेल रहे हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के किसानों की पीड़ा हरने वाला कोई नहीं है। रबी फसल की बुआई शुरु हो चुकी है।
नहीं मिल रहा खाद, हलकान बने किसान
लेकिन सिर्फ एकफसला खेती पर निर्भर यहां के किसानों को खेती के लिए खाद ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है। इस क्षेत्र के खाद व बीज की लाइसेंसी दुकानों से डीएपी पूरी तरह नदारद है।
सिनुआरा, थलवाड़ा, पटोरी, गोढ़ैला, अरैला, मोरो, गोदाईपट्टी, नरसरा, रुपौली, नेयाम छतौना, डीहलाही, रामपुरडीह, पंचोभ, गोढ़ियारी इन सभी 14 पंचायतों के करीब 7 दर्जन गांवों में तकरीबन दर्जनों रासायनिक खाद व बीज के लाईसेंसी दुकान हैं। सभी पंचायतों में पैक्स के माध्यम से खाद की बिक्री की जाती है। लेकिन किसी भी पैक्स के माध्यम से यहां के किसानों को डीएपी खाद नही मिल रहा है।
यहां के खाद दुकानदारों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि खाद के इस किल्लत का मुख्य वजह कृषि विभाग की ओर से जारी किया गया नियम हीं है। दुकानदार की ओर से किसानों को पॉश मशीन के द्वारा सरकारी दर पर कैशमेमो के साथ खाद उपलब्ध कराना है।
खुदरा खाद विक्रेता खाद का उठाव नही कर रहें
जबकि जिला के खाद स्टॉकिस्ट एक तो निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत की मांगने के साथ साथ डीएपी खाद भी मंहगे दामों पर दे रहे हैं। यही नहीं, इसके साथ मिक्सचर खाद, पोटाश व यूरिया भी लेने को बाध्य कर रहें हैं। इससे आजिज यहां के खुदरा खाद विक्रेता खाद का उठाव नही कर रहें हैं।
दुकानदारों को कहा यह भी जा रहा है कि डीएपी खाद की रैक ही नहीं लगी है।अब जबकि नवंबर माह का एक हफ्ता बीत चुका है। तेलहन और दलहन फसलों की बुआई का समय भी बीतता जा रहा है।लेकिन किसानों को खेती के लिए डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। प्राकृतिक आपदा के शिकार इस क्षेत्र के किसान बिना खाद के ही तेलहन और दलहन फसल की बुआई करने को मजबूर हैं।
गोदामों में माल छिपाकर ये कैसी कालाबाजारी
सूत्रों की मानें तो इलाके भर के खाद विक्रेता कालाबाजारी के उदेश्य से अपने-अपने गोदामों में माल छिपाकर किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं करा रहें हैं। इससे आहत पूर्व प्रमुख जयकिशोर यादव, राजद के प्रदेश महासचिव उदयशंकर चौधरी, प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष जयशंकर प्रसाद चौधरी, भाकपा नेता श्याम भारती, भाकपा माले जिलासचिव बैद्यनाथ यादव आदि नेताओं ने डीएम व डीएओ से क्षेत्र के लाईसेंसी खाद दुकानों व पैक्सों के माध्यम से किसानों को डीएपी खाद की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की मांग की है।