प्रदेश भर में शराबबंदी कानून के लागू हुए साढ़े छह साल हो गए, लेकिन हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र में यह धंधा रुकने के बजाय आज भी बदस्तूर जारी है।
बेरोजगार युवक इस प्रतिबंधित शराब की तस्करी में बेरोकटोक लगातार इंट्री ले रहे हैं। अधिक दौलत कमाने की लालच में यहां की युवा पीढ़ी इस दलदल में फंसती जा रही है।
स्थानीय पुलिस व आबकारी विभाग की ओर से इस अवैध कारोबार में सख्त कार्रवाई नहीं होने व शिथिल रवैया के कारण बुद्धिजीवी वर्ग काफी चिंतित हैं। शराबबंदी के बाद इस इलाके के लाइसेंसी दुकान तो बंद हो गए, लेकिन 86 राजस्व गांव वाले इस प्रखंड क्षेत्र का कोई भी गांव इस कारोबार से अछूता नहीं है।
हर गांव के चौक-चौराहे पर यह प्रतिबंध सामन आसानी से हाथों हाथ उपलब्ध है। पंचायत चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे धनबांकुरे भी इस बार के चुनाव में इसे खपाने कर वोट बटोरने की जुगत में लगे हैं।
जलाशय व जलमार्ग बना है शराब बिक्री का अड्डा
शराबबंदी से पहले शराब पीने के शौकीन लोगों को लाइसेंसी दुकान तक जाना पड़ता था।लेकिन इस कारोबार पर प्रतिबंध के बाद अब इसकी होम डिलीवरी मिल जाती है। तीन जिलों समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर व दरभंगा की सीमा को छूती मोरो
थाना का इलाका व दो जिला के सीमा पर काबिज विशनपुर व हायाघाट थाना का इलाका इस प्रखंड में स्थापित हो चुके शराब तस्करों के लिए महफूज जगह माना जाता है।इस क्षेत्र से होकर बहने वाली बागमती नदी व रक्शी धार भी शराब तस्करी का सुरक्षित मार्ग बना हुआ है।यहां के जलाशय शराब बिक्री का मुख्य अड्डा साबित हो रहा है।
इलाके भर में 5 थानों की पुलिस गश्ती बेअसर
कहने को तो इस अवैध धंधे पर रोक के लिए 14 पंचायतों वाले हनुमाननगर प्रखंड में पांच थाना मोरो, विशनपुर, हायाघाट,एपीएम व बहादुरपुर की पुलिस गश्त करती है। इसके बावजूद प्रखंड क्षेत्र के किसी भी गांव में पुलिस सक्रिय नहीं दिख रही है। सिर्फ मुख्य सड़क पर गश्ती गाड़ी दौड़ाकर पुलिसिया कार्यशैली की इतिश्री कर ली जाती है।
सूत्रों की मानें तो इस प्रखंड की सीमा से सटे समस्तीपुर जिला के कल्ययाणपुर व चकमेहसी थानाक्षेत्र व दरभंगा जिला के हायाघाट व एपीएम थानाक्षेत्र के कुछ गांवों में पुलिस के संरक्षण में शराब की खेप मंगाई जाती है।जिसे सड़क या जलमार्ग के रास्ते शहर तक पहुंचाया जाता है।सुबह 5 बजे से 10 बजे तक का समय इन तस्करों के लिए महफूज रहता है।इसका कारण है कि इस समय पुलिस की गश्ती गाड़ी सड़क पर नहीं रहती है।
शराब तस्करी के इस खेल में सिर्फ कारोबारी ही मालामाल नहीं है। बल्कि खाकी वालों को भी इन तस्करों के माध्यम से हफ्ता व मासिक की एक निर्धारित रकम पहुंचाई जाती है।
वरीय अधिकारियों के दबाव पर इस धंधे में कुरियर काम करनेवाले लड़कों को कुछ बोतलों के साथ गिरफ्तार करवा कर कार्रवाई की खानापूर्ति कर ली जाती है। बहरहाल इतने कठोर कानून के बाद भी त्वरित लाभ के इस जोखिम भरे कारोबार में पूरा इलाका मधुशाला का सुरक्षित जोन बनता जा रहा है। इसे देख यहां के बड़े-बुजुर्गों को इसकी चिंता सताने लगी है।
मोरो थानाध्यक्ष शंभु प्रसाद कहते हैं,
इस संबंध में पूछे जाने पर मोरो थानाध्यक्ष शंभु प्रसाद ने देशज टाइम्स को बताया कि शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए शतत् निगरानी व कार्रवाई की जा रही है।
विशनपुर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया
वहीं, विशनपुर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए थाना व जिला के सीमायी क्षेत्र हनुमाननगर चौक पर पुलिस लगातार चेकिंग अभियान चला रही है।इसमें हमलोगों को सफलता भी मिल रही है।