नीट परीक्षा में फर्जीवाड़ा (neet-exam) करने वाले गैंग का सरगना प्रेम कुमार उर्फ निलेश कुमार (solver-gang-head-prem-kumar) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रेम कुमार फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाता था। यूपी पुलिस ने छपरा (arrested-from-chapra) से गिरफ्तार किया है।
नीट परीक्षा में सॉल्वर (NEET Solver Gang) के माध्यम से अभ्यर्थियों को फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने वाले गैंग के सरगना पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ निलेश कुमार को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने बिहार के छपरा से गिरफ्तार किया। पीके के साथ उसके जीजा रितेश कुमार को भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है।
रितेश कुमार पटना सचिवालय में लिपिक के पद पर कार्यरत है। इन दोनों की गिरफ्तारी के कुछ देर पहले ही यूपी में पुलिस कमिश्नर ने पीके पर इनाम की राशि बढ़ाकर 1लाख कर दी थी।
जानकारी के अनुसार, नीट की परीक्षा में पीके 30 से 40 लाख प्रति अभ्यर्थी वसूलता था। इसी पैसे से पीके ने पटना में 3 मंजिला मकान के अलावा दानापुर में दो जगह 4 से 5 बीघा की जमीन भी खरीद रखी है। इसके पास तीन लग्जेरियस गाड़ियां हैं, जिनमें एक फॉर्च्यूनर, हुंडई और एक वैगनआर शामिल है।
पीके के साथ पकड़ा गया रितेश कुमार सिंह पीके का बहनोई है। रितेश कुमार सिंह पटना के न्यू जगनपुरा इलाके में रहता है और सचिवालय में कार्यरत है. कला संस्कृति एवं युवा विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत उसका बहनोई भी उसका साथ देता रहा है।
बीएचयू की छात्रा के पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ
नीट की परीक्षा के दौरान बीएचयू की छात्रा के पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ था. जिसके बाद कई आरोपियों को एक- एक कर के गिरफ्तार किया गया था.जिसे इसबात का खुलासा हुआ कि इस फर्जीवाड़ा के पीछे प्रेम कुमार का मास्टर माइंड है।
इसके बाद यूपी पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए कर्नाटक त्रिपुरा तक छापेमारी की. हालांकि उसकी गिरफ्तारी बिहार के छपरा से हुई। सूत्रों के मुताबिक प्रेम कुमार के पिता उद्योग विभाग में थे. जो 1990 में सेवानिवृत्त हुए थे और अपने परिवार के साथ पटना में रहते थे।
छपरा के एकमा थाना क्षेत्र के चंदवा गांव का रहने वाला है प्रेम
पीके मूल रूप से छपरा के एकमा थाना क्षेत्र के चंदवा गांव का रहने वाला है और पटना के पाटलिपुत्र इलाके में वह मकान बनाकर रहता था। पीके नीट की परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाता है। पुलिस के मुताबिक पीके और इसके गैंग के सदस्य करीब 5 वर्षों से नीट की परीक्षा में सॉल्वरों को बैठाकर परीक्षार्थियों को सफलता का ठेका लेता है।
नीट की परीक्षा के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य के शिक्षक परीक्षा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा के साथ-साथ बिहार पुलिस और दूसरी सेवाओं में रितेश उर्फ सोनू के साथ मिलकर प्रश्न पत्र आउट करना और सॉल्वर की व्यवस्था कर परीक्षा पास करवाना इस गैंग का मुख्य काम है।
प्रेम कुमार खुद को डॉक्टर बताता था
वहीं प्रेम कुमार ने स्नातक पटना विश्वविद्यालय से की थी. वहीं प्रेम कुमार खुद को डॉक्टर बताता है और अपने घर पर डॉक्टर के वेश में ही निकलता है. प्रेम कुमार मूल रूप से छपरा के एकमा थाना क्षेत्र के चंदवा गांव का रहने वाला था। और पटना के पाटलिपुत्र इलाके में वह मकान बनाकर रहता था। पीके नीट की परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाता था।
एक सीट के लिए अभ्यर्थी से 40 लाख लेता था
सूत्रों के मुताबिक नीट की परीक्षा में एक सीट के लिए वो अभ्यर्थी से 30 से 40 लाख वसूलता था। इसके गैंग के लोग लगभग 5 सालों में नीट की परीक्षा में सॉल्वरों को बैठाकर परीक्षार्थियों को सफलता का ठेका लेता है। नीट की परीक्षा के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य के शिक्षक परीक्षा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा के अलावा बिहार पुलिस और दूसरी सेवाओं में अपने जीजा रितेश के साथ मिलकर क्वेश्चन पेपर आउट करना और सॉल्वर की व्यवस्था कर परीक्षा पास करवाना इस गैंग का मुख्य काम है।