बिहार के गांवों में अब एक नई पहल शुरू होने जा रही है। बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पंचायती राज विभाग ने एक नई पहल शुरू करने की योजना बनाई है। इससे अब ग्रामीण एरिया की मुख्य सड़कों पर भी पुलिस की निगाह होगी। वह गांवों से लेकर हर गली तक अब आसानी से अपराधियों पर कड़ी नजर रख पाएगी।
क्या है योजना
अब गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी है। 24 घंटे निगरानी को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद शुरू होगी। इससे सुरक्षा व्यवस्था व अराजक तत्वों पर निगाह रखने में कदम कारगर साबित होगा।
गांवों में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मुहैया कराने आदि मकसद से सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने की पहल पंचायती राज विभाग ने की है। ताकि कोई भी गैर कानूनी काम करे तो वह घटना कैमरे में कैद हो सके।
जानकारी के अनुसार, सूबे के सभी गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर पंचायती राज विभाग ने कार्ययोजना बनायी है। ग्राम पंचायतों की वार्ड प्रबंधन एवं क्रियान्वयन समितियों की अनुशंसा के आधार पर गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वार्ड समितियों की अनुशंसा के बाद पंचायत स्तर पर इसका अनुमोदन भी होगा। इसके बाद चिह्नित जगहों पर कैमरे लगाये जाएंगे।
यह मिलेगा लाभ
इससे दोषी की पहचान हो जाएगी। दूसरी तरफ कैमरे का भय भी ऐसे लोगों में होगा। विभाग ने यह भी साफ किया है कि सार्वजनिक स्थलों और सरकारी भवनों में सीसीटीवी लगाये जाएंगे। बिजली के पोल पर ही यथासंभव कैमरे लगेंगे। हालांकि विभाग ने यह भी कहा है कि विशेष परिस्थिति में निजी मकान के बाहरी दीवार पर भी कैमरे लगाये जा सकेंगे। निजी एजेंसी को कैमरे लगाने की जिम्मेदारी होगी।
पांच सालों तक इसका रख-रखाव
निजी एजेंसी को सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यही एजेंसी अगले पांच सालों तक इसका रख-रखाव भी करेगी। ग्राम पंचायतों की यह जवाबदेही होगी कि खराब होने की स्थिति में वह एजेंसी के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे को दुरुस्त कराएंगे। इस योजना के तहत शिकायत निवारण की ऑनलाइन व्यवस्था भी की जाएगी। राशि का प्रबंध राज्य छठे वित्त आयोग के अंतर्गत मिले कोष से की जाएगी।