दरभंगा ,देशज टाइम्स ब्यूरो। बिहार राज्य मध्यान्ह भोजन रसोइया संघर्ष समिति के आह्वान पर सात जनवरी से चौदह सूत्री मांगों को लेकर रसोइयों की जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के ग्याहरवें दिन शनिवार को बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ ऐक्टू के आह्वान पर संघ से जुड़े जिले के हज़ारों रसोइयों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। जमकर नारेबाजी की। इसका नेतृत्व रसोइया संघ के जिला संयोजक पप्पू पासवान, फूलो देवी, अनिता देवी, संतरा देवी, रंजीता देवी, जीवची देवी, सहेली देवी, सबिता कुमारी, ममता देवी, शकुंतला देवी, कौसर खातून, सुनीता देवी के नेतृत्व में पोलो मैदान से जुलूस निकला जो समाहरणालय होते हुए लहेरियासराय टावर से फिर डीएम कार्यालय गेट पर जमकर प्रदर्शन किया। नीतीश -मोदी सरकार के खिलाफ घंटों नारेबाजी की। रसोइया कर्मी 1200 में दम नहीं,18 हज़ार से कम नहीं, सरकारी कर्मी का दर्जा देना होगा, रसोइयों के लिए न्यूनतम मजदूरी कानून लागू करो, नीतीश-मोदी सरकार शर्म करो,रसोइयों के सस्ते श्रम का शोषण बन्द करों समेत अन्य नारे लगा रही थीं। इसके बाद जुलूस पोलो मैदान में आकर सभा मे तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता रसोइया संघ के जिला सह संयोजक सुरेंद्र पासवान ने किया।
पोलो मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने नीतीश-मोदी सरकार को न्यूनतम मजदूरी कानून उलंघ्नन करने वाली सरकार बताते हुए कहा कि न्याय के साथ विकास और कानून का राज का दावा करने वाले नीतीश कुमार राज्य में मजदूरी देने के मामले में दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार ने न्यूनतम मजदूरी के तहत रसोइयों जैसे घरेलू कामगारों के लिये 6109 रुपया मासिक न्यूनतम मजदूरी तय कर रखा है जबकि विद्यालय रसोइयों को मात्र 1250 रुपया मासिक मानदेय वो भी साल के दो महीना नही दिया जाता है को लागू किये हुए है। वहीं, रसोइया संघ के संयोजक पप्पू पासवान ने नीतीश सरकार से स्थायी काम के लिये स्थायी वेतन व सुविधा रसोइयों के लिये लागू करने,सभी रसोइयों को सामाजिक सुरक्षा कानून के दायरे में लाने, सभी का सेवा रिकॉर्ड संधारित करने तथा बीमा कराने की मांग करते हुए नीतीश-मोदी सरकार पर कमजोर वर्ग व दलित,अतिपिछड़ा समुदाय से आने वाली इन रसोइयों के लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकारों पर हमला करने वाली सरकार बताया।
वहीं, सुरेंद्र पासवान ने कहा कि डबल इंजन वाली मोदी-नीतीश नेतृत्व वाली सरकार दोहरे तरीके से रसोइया कामगरों के सस्ते श्रम की लूट कर रही है और इन महिलाओं को सशक्त बनाने के बजाए अधिकारों का हनन कर रसोइया को कमजोर बनाने का काम कर रही है। प्रदर्शन में आहवान किया गया कि संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आगामी 23-24 जनवरी को पटना में नीतीश कुमार का घेराव करने तथा दो दिवसीय महापड़ाव में शामिल होने की अपील की। प्रदर्शन में नीलम देवी, शनिचरी देवी, शकुंतला देवी, हीरा साफी,सहेली देवी, आशा देवी, ममता देवी, कमली देवी, मनोज मंडल, राम बाबू यादव, उमेश यादव, काली देवी, लक्ष्मी देवी, मंजू देवी, रेखा देवी, सुधा देवी, माले नेता धर्मेश यादव, सुनील यादव, उमेश साह, आइसा जिला अध्यक्ष प्रिंस राज सहित हजारों रसोइया शामिल थीं। मार्च के बाद डीएम की ओर से प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट से वार्ता हुई। इसके बाद सभा की समाप्ति की गई।





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