आकिल हुसैन मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। नेपाल सरकार की नई नीति रेल के बाद अब किसानों से गन्ने की खरीदारी पर संघीय संसद ने रोक लगा दी है। नेपाल के सिरहा स्थित हिमालय सुगर मील में गन्ने की खरीदारी नहीं होने पर सीमावर्ती किसानों को लाखों रूपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों के दस सदस्यीय शिष्टमंडल ने जिला प्रशासन को एक हस्ताक्षर युक्त आवेदन सौंपकर इस दिशा में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। भारत नेपाल दोनों देशों के बीच वर्षो से चली आ रही बेटी रोटी के संबधों में दोनों देशों की कूटनीति के कारण इन दिनों खटास नजर आने लगी है। जानकारी के अनुसार, नेपाल सरकार ने भारत सरकार से रेल परिचालन से पूर्व रेल खरीदारी पर संसद में मोहर लगायी तो बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रो में चीनी मील बंद होने से किसानों को गन्ना उपजाऊ के बाद एक मुख्य साधन नेपाल के सिरहा स्थित हिमालय चीनी मील था। अब यहां से किसानों को लाखों रूपए क्षति होने की उम्मीद है।
वहीं किसानों लगनदेव हाजरा, मनोज चौधरी, रामदास हाजरा,उमेश यादव, देवनारायण चौधरी, विष्णुदेव वनरैत, सुरेश प्रसाद सिंह, रामचंद्र सिंह, कपिलदेव यादव, रामचंद्र चौधरी व कमलेश कुमार यादव समेत अन्य किसानों ने बताया कि अपने परिवार के भरण पोषण के लिए बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती कर बिहार के कई जिलों के चीनी मीलों में गन्ने की आपूर्ति करते थे लेकिन राज्य में चीनी मील के बंद होने के कारण एक मात्र साधन नेपाल के सिरहा स्थित हिमालय चीनी मील को किसानों की ओर से गन्ने की आपूर्ति गत कई वर्षो से की जाती रही। गन्ने के अधिक से अधिक उपजाऊ के लिए चीनी मील के प्रबंधक की ओर से पूर्व में निःशुल्क, उत्तम कोटि की बीज किसानों के बीच दी जाती थी और कही जाती थी कि अधिक से अधिक गन्ने की खेती कर हिमालय चीनी मील को आपूर्ति करें।
हिमालय सुगर मील की ओर से सभी किसानों का नेपाल के गोल बाजार स्थित एनआईसी एशिया बैंक में खाता खोलवाकर खाते के माध्यम से राशि आवंटन की जाती थी लेकिन नेपाली संघीय संसद में ये प्रस्ताव पारित कर गन्ने को अवैध करार दिया गया। जिस कारण सीमातर्वी क्षेत्र के किसानों को नेपाल सरकार के प्रति आक्रोष है। किसानों ने बताया कि सरकारी स्तर पर पहल नहीं की गई तो नेपाल से हर आने जाने वाले मार्गो पर जाम कर उग्र आंदोलन करेंगे। किसानों ने बताया कि गन्ना खेती ही हम लोगों के लिए जीविकोपार्जन था जिसे नेपाल सरकार ने रोक लगा दी। इन लोगों ने कहा कि सरकारी स्तर पर भारत सरकार नेपाल सरकार से बात कर किसानों के हित में कार्रवाई करे अन्यथा 22 जनवरी से हम लोग नेपाल सरकार व बिहार सरकार के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन करेंगें।
जानकारी के अनुसार, नेपाल सरकार के नई नई नीति ने पूर्व में रेल परिचालन पर भी सवाल उठाया और भारत से रेल खरीदारी के बाद ही परिचालन की बात कही गई। अब संघीय संसद ने गन्ने को अवैध घोषित कर दिया है जिससे भारत के सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को लाखों रूपए क्षति होने की उम्मीद है।







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