
दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। आधुनिक तालीम से कदमताल कर दरभंगा पब्लिक स्कूल के छात्र हुनरमंद बन रहे हैं। हर मंच बात साहित्य, विज्ञान, गणित, सौंदर्य, जागरूकता, कला, अभिव्यक्ति, सांस्कृतिक सरोकार का हो उनकी दमदार मौजूदगी ,असरदार, मारक सरीखे दिखता साक्षात होता है। मंगलवार को इसकी खास झलक दिखी। मौका था, दिल्ली मोड़ स्थित दरभंगा पब्लिक स्कूल में विज्ञान व कला उत्सव के आयोजन का। स्कूली बच्चों ने आकर्षक, विज्ञान के नव तकनीक,चटक रंगों की अठखेली करती रंगोली, रद्दी कागजों से इमारत से लेकर जहाज बनाकर वहीं, तिलिस्म से भरे कंप्यूटर के ज्ञान का मौजूद विद्वतजनों के साथ अपने अभिभावकों के सामने खुद को सर्वश्रेष्ठ होने का लोहा मनवाया।

वीसी प्रो.एसके सिंह ने कहा, शिक्षा में सृजनात्मकता की भूमिका अहम
विज्ञान व कला उत्सव के बतौर मुख्य अतिथि व उद्घाटनकर्ता मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके सिंह ने ज्ञान से भरे इस विशाल उत्सव को संबोधित करते कहा कि शिक्षा में सृजनात्मकता की अहम भूमिका होती है। दरभंगा पब्लिक स्कूल इस उत्सव के माध्यम से सही दिशा में कदम उठा रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि एजुकेशन एक वृक्ष की तरह है। इसमें स्कूली स्तर पर जड़ व तना को मजबूत किया जाता है, जबकि कॉलेज स्तर पर इसकी शाखाओं पर कार्य होता है।

भविष्य के लिए तैयार हैं हम…का संकल्प, स्पष्ट संदेश
इस अवसर पर बारह सौ से अधिक युवा वैज्ञानिकों, कलाकारों ने 742 विज्ञान व टेक्नोलोजी के प्रोजेक्टों के साथ मॉडलों को विद्यालय के विस्तृत हॉलों में प्रदर्शित करते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि वे भविष्य के लिए किस तरह से तैयार हैं। विश्व मानवता के लिए विषय पर आयोजित यह उत्सव बच्चों के उत्साह व उमंग का सटीक उद्घोषण था।
प्राचार्य डॉ. रहमतुल्ला ने कहा, ऐसे रचनात्मक मंच से निखरेंगे छात्र
विशिष्ट अतिथि के रूप में मिल्लत कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मो. रहमतुल्ला ने कहा कि विज्ञान व कला विकास का आधार है। इस उम्र में ही छात्रों को अगर इस तरह के रचनात्मक मंच मिलें तो उनकी प्रतिभा को सही दिशा भी मिलती है। वो निखर कर भी सामने आती है।

डॉ. अजीत चौधरी ने कहा, कि शिक्षक ही वास्तव में बच्चों के व्यक्तित्व के सृजनकार
विशिष्ट अतिथि के रूप में मिथिला विश्वविद्यालय के प्रोक्टर डॉ. अजीत चौधरी ने छात्रों की सृजनशीलता व कल्पना शक्ति को मू्र्त रूप देने में विद्यालय के शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षक ही वास्तव में बच्चों के व्यक्तित्व के सृजनकार हैं।

अभिभावकों ने कहा, मन में है विश्वास हमारे बच्चे होंगे कामयाब एक दिन…
अभिभावकों की ओर से बच्चों की ओर से बनाए गए उन साइंस की कृतियों को विशेष प्रशंसा मिली। इनमें कहीं न कहीं समसामयिक समस्याओं प्रदूषण,गरीबी को केंद्र में रखा गया था। आर्ट व क्राफ्ट विभाग में जहां एक तरह चटख रंगों से भरी रंगोली व मिथिला पेन्टिंग की झलक थी। वहीं, थर्माकोल,आइसक्रीम स्टिक व वेस्ट पेपर जैसी वस्तुओं का नायाब इस्तेमाल कर इमारत से लेकर जहाज तक बनाए गए थे। निर्णायक की भूमिका में संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. वीरेंद्र नारायण सिंह ने उत्कृष्ट प्रदर्शनों की समीक्षा करते हुए उत्सव की विशेषताओं को रेखांकित किया।
विशाल गौरव ने कहा, बच्चों को मिला एनआइआइटी का सहयोग, प्रोजेक्ट बोल रहे
विद्यालय प्रबंधन की तरफ से विशाल गौरव ने बताया कि इस बार एनआइआइटी के सहयोग से कंप्यूटर प्रोजेक्टों को भी इस उत्सव में शामिल किया गया। इसमें छात्रों की ओर से बनाए गए वेबसाइट, ब्लॉग, मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशनस, वीडियो गेम्स, डिजिटल पेंटिंग व ऐनिमेशन जैसे श्रेणियों को जगह दी गई।
मिला विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एमके मिश्रा का साथ, जगा जोश
साइंस व आर्ट उत्सव का सफल संचालन विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एमके मिश्रा व स्कॉलेस्टिक हेड विनीत कुमार झा के नेतृत्व में किया गया।








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