साल 2021 में होली के दिन महमदपुर कांड (Madhubani Murder Case) ने पूरे मधुबनी समेत संपूर्ण बिहार को एकबारगी हिलाकर रख दिया। इसमें एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी।

इसमें एक ही परिवार के तीन सहोदर भाइयों समेत उनके दो चचेरे भाई की मौत हो गई थी। हत्याकांड ने बिहार की राजनीति को भी जमकर हवा दी थी। इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से लेकर सत्ता पक्ष के बड़े-बड़े नेता महमदपुर पहुंचे थे।
साल 2021 में मधुबनी के बेनीपट्टी प्रखंड के महमदपुर गांव में होली के दिन बहुचर्चित हत्याकांड मामले में जेल में बंद आरोपी की जमानत पर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
अब इस मामले में ताजा क्या है
इस मामले में नई खबर यह है कि मुख्य आरोपी प्रवीण झा के मां-बाप को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। दस महीनों से दोनों जेल में थे।
मधुबनी हत्याकांड के बाद प्रवीण झा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक चुनौती बनी हुई थी। मधुबनी हत्याकांड के बाद से ही प्रवीण झा उर्फ रावण की तलाश थी। इसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अन्य आरोपियों को दबोचा था।
ताजा जानकारी के अनुसार, महमदपुर कांड के पीड़ित परिवार की ओर से मुख्य आरोपी बनाए गए प्रवीण झा के मां-पिता को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। पटना हाईकोर्ट के जस्टिस प्रभात कुमार सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
प्रवीण झा के पिता घनश्याम झा व माता सुनैना देवी के पक्ष में वकील चंद्र मोहन झा व अजय कुमार ने जमानत याचिका दायर की थी। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शिवनगर गांव के वरीय अधिवक्ता कौशल झा ने बहस किया।
जानकारी के अनुसार, बेनीपट्टी थाने में दर्ज कांड संख्या 67/21 महमदपुर कांड में मुख्य आरोपी बनाये गये प्रवीण झा के मां-बाप को भी पुलिस ने घटना के बाद घर से पकड़ कर जेल भेज दिया था।
हत्याकांड के बाद से ही प्रवीण झा के पिता घनश्याम झा व माता सुनैना देवी जेल में बंद थी. अब करीब 10 महीने तक जेल में बंद रहने के बाद पटना हाईकोर्ट ने दोनों को बेनीपट्टी थाने में दर्ज कांड संख्या 67/21 में जमानत दे दी है।
वहीं, इससे पहले हाल में ही पटना हाईकोर्ट ने इस कांड के आरोपी निखिल झा को जमानत दी थी और अब प्रवीण झा के मां-बाप को लेकर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है।
क्या हुआ था मधुबनी में
होली के दिन 29 मार्च को मधुबनी के बेनीपट्टी के महमदपुर गांव में एक ही परिवार के 5 भाईयों की हत्या कर दी गई थी। इसमें एक पक्ष के 10-12 लोगों ने दूसरे पक्ष के लोगों पर दिनदहाड़े गोलियां बरसा दी। इस घटना में दूसरे पक्ष के तीन लोगों की मौत घटनास्थल से अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गई थी।
तीन और घायलों में एक की मौत अगले दिन पटना में हुई। वहीं, पटना में ही इलाजरत एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हुई। इस हत्याकांड में एक ही परिवार के तीन सहोदर भाई और उनके दो चचेरे भाई की मौत हो चुकी है।
इनकी हुई थी हत्या
इस हत्याकांड में गोलीबारी के दिन ही दो सहोदर भाई रणविजय सिंह और वीरेंदर उर्फ वीरू सिंह (दोनों की उम्र 40 के करीब) की मौत हो गई थी। साथ में चचेरे भाई राणा प्रताप सिंह (42 वर्ष) की भी मौत हो गई। रणविजय सिंह के एक और सहोदर भाई अमरेंद्र सिंह (33 वर्ष) की मौत पटना में हुई थी। इसके अलावा राणा प्रताप सिंह के सहोदर भाई रूद्र नारायण सिंह और मनोज सिंह की भी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।