मुंबई। स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के भतीजे आदि मंगेशकर ने सोमवार को सुबह शिवाजी पार्क मैदान पर जाकर लता दीदी की अस्थियों को एकत्रित किया।
इसके बाद लता दीदी की अस्थियां पेडर रोड स्थित उनके आवास प्रभु कुंज पर लाई गईं। लता दीदी की अस्थियों को विसर्जित किए जाने का निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। आम नागरिक सोमवार को भी शिवाजी पार्क पहुंचकर लता दीदी को श्रद्धापूर्वक नमन कर रहे हैं।

शिवाजी पार्क में लता दीदी को आज भी आम नागरिक कर रहे हैं नमन
महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से सोमवार को सुबह से लता दीदी के प्रशंसक शिवाजी पार्क पहुंचकर लता दीदी की तस्वीर को नमन कर रहे हैं। शिवसेना सचिव मिलिंद नार्वेकर सोमवार को सुबह शिवाजी पार्क पर पहुंचे।
इसके बाद मुंबई नगर निगम के कर्मियों ने शिवाजी पार्क में लता दीदी के अस्थियों को संकलित करना शुरू किया। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर बेटे आदि मंगेशकर को मिलिंद नार्वेकर ने लता दीदी की अस्थियां सौंपी।

वहीं, शिवाजी पार्क में लता मंगेशकर की चिता अभी ठंडी भी नहीं हुई है लेकिन उनका स्मारक बनवाने के नाम पर राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी के नेता राम कदम ने लता मंगेशकर का स्मारक बनाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि यह संभव नहीं है, स्मारक की राजनीति से नेताओं को बाज आना चाहिए।
शिवाजी पार्क में रविवार को लता दीदी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया था और उस समय प्रधानमंत्री उपस्थित थे। इसी वजह से प्रोटोकाल की वजह से अंतिम संस्कार में आम लोगों को उपस्थित नहीं होने दिया गया था। इसी वजह आज भी शिवाजी पार्क मैदान पर लता दीदी के प्रशंसकों की भीड़ लगी हुई है।
राजनीतिक स्टंट

लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार रविवार शाम को शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ किया गया और सोमवार को सुबह उनकी अस्थियां चुनी गईं। आज सुबह ही भाजपा नेता राम कदम ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर लता मंगेशकर का स्मारक बनाने की मांग की है।
इस सबंध में संजय राऊत ने कहा कि लता मंगेशकर के स्मारक पर राजनीति करना ठीक नहीं है। उनका स्मारक बनाया जाना संभव भी नहीं है। इस तरह की मांग करके लता दीदी को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए और ऐसी राजनीति से लोगों को बाज आना चाहिए। कई अन्य नेताओं ने राम कदम के पत्र को राजनीतिक स्टंट करार दिया है।