
दरभंगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्य में विधि व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा बैठक करते हुए दरभंगा के आलाधिकारियों से फीडबैक लिया और निर्देश (Feedback taken about law and order) दिए।
जय बाबा केदार..!
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बैठक में बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल तथा पुलिस, उत्पाद विभाग एवं खनन विभाग के आला अधिकारी, सभी प्रमंडल के आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महा निरीक्षक सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और संबंधित पदाधिकारी ऑनलाइन जुड़े हुए थे।
बैठक में पुलिस महानिदेशक बिहार एवं अपर मुख्य सचिव मद्य निषेध की ओर से बिहार राज्य की विधि व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में बिहार के सभी थानों में दो-दो गश्ती वाहन उपलब्ध करा दिया गया है।
वहीं, गश्ती वाहन पर एक भी संविदा चालक नहीं रखा गया है। इसके लिए 1639 चालक सिपाहियों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है, जो फरवरी माह तक पूरी हो जाएगी।
गश्ती में 12 हजार 111 अतिरिक्त बल लगाया गया है तथा सभी वाहनों में जीपीएस लगाया गया है। गश्ती ड्यूटी में खराब प्रदर्शन वाले बल के विरुद्ध कार्रवाई की गई है, जबकि अच्छे प्रदर्शन वाले को पुरस्कृत किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार
रात्रि गश्ती एवं पैदल गश्ती जारी है। पैदल गश्ती में 3170 पुलिस बल कार्यरत हैं। महिला पुलिस कर्मियों का सशक्तिकरण किया जा रहा है वर्तमान में कुल पुलिस बल में 26.8 प्रतिशत महिला सिपाही हैं, 16 प्रतिशत महिला अवर निरीक्षक, 750 महिला पुलिस पदाधिकारी पदस्थापित हैं।
थानों को दैनिक कार्यों के लिए चक्रीय निधि उपलब्ध कराया जा रहा है, सभी थानों में महिला शौचालय बनवाया गया है। 656 थानों में दो सीटेड, 107 थानों में पांच सीटेड महिला शौचालय बनवाया गया है। जबकि 51 पुलिस केंद्र में 20 सीटेड महिला शौचालय एवं स्नानगार बनवाया गया है।

660 थानों में आगंतुक कक्ष बनवाया जा रहा है, 377 थानों के निर्मित आगंतुक कक्ष में फर्नीचर की भी व्यवस्था कर दी गयी है। 1251 थानों में से एक 1180 थानों में लैंडलाइन फोन लगवा दिया गया है। राष्ट्रीय औसत के अनुसार त्रिस्तरीय समिति द्वारा राज्य के में पुलिस बल के 96 हजार 607 अतिरिक्त पद सृजित किए गए हैं।
बैठक में बताया गया
कि राष्ट्रीय औसत एक लाख जनसंख्या पर 195.39 पुलिस बल है, बिहार में 115.26 पुलिस बल है।बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021 में 1557 कांडों में स्पीडी ट्रायल करवाया गया तथा 2631 लोगों को दोष सिद्ध करवाया गया अब ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत किए जा रहे हैं अभी तक 3 लाख 24 हजार 711 ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत किए जा चुके हैं।
अपराधियों का डाटा अब ऑनलाइन दिखलाया जा रहा है। वर्तमान में 7156 अपराधियों का डाटा पोर्टल पर अपलोड है। वर्ष 2013 से अब तक 45 हार्डकोर आत्म समर्पित नक्सलियों का पुनर्वास करवाया जा चुका है। 26 हजार 802 थाना स्तर से, 1700 अनुमंडल स्तर से एवं 373 जिला स्तर से सुनवाई कर भूमि विवाद के मामले का निपटारा करवाया गया है।
जनवरी 2022 में भूमि विवाद निबटान को लेकर 4027 बैठक हुई हैं। 40 पुलिस जिला एवं चार रेल पुलिस जिलों में स्थापित 74 साइबर क्राइम और सोशल मीडिया इकाई (सीसीएसएमयू) केंद्र की स्थापना की जा चुकी है। जहां सोशल मीडिया के माध्यम से किये जा रहे क्राइम का पता लगाकर निष्पादन किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में एसटीएफ की 7 टीम कार्यरत है। विगत वर्ष के आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन से स्पष्ट है कि बिहार में हत्या, डकैती, चोरी, लूट, गृह भेदन, महिला अपराध, बलात्कार, महिला यौन उत्पीड़न, पति व उनके रिश्तेदार द्वारा प्रताड़ना के मामलों में काफी कमी आई है।
ऑपरेशन प्रहार में 111 कंपनी एवं 45 प्लाटून बल कार्यरत हैं
बताया गया कि शराबबंदी अभियान के तहत लगातार छापेमारी, जब्ती, नीलामी एवं राज्यसात की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हत्या के 60 प्रतिशत मामले भूमि विवाद से जुड़े हुए होते हैं। इसलिए निर्धारित तिथि/दिन को थाना, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर निश्चित रूप से भूमि विवाद निष्पादन हेतु बैठक होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब थाना के कार्यों को दो भागों में बांट दिया गया है। पहला विधि व्यवस्था से संबंधित एवं दूसरा अनुसंधान से संबंधित। इसलिए अनुसंधान वाले बल को विधि व्यवस्था के कार्य में नहीं लगाया जाएं।
रात्रि गश्ती, भोर में गश्ती एवं दिन की गश्ती पर ज्यादा ध्यान दिया जाए । गश्ती के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले पुलिस को पुरस्कृत किया जाए। अगर कहीं कोई घटना घट जाती है तो उसके अनुसंधान में विलंब न हो और एक समय सीमा के अंतर्गत चार्जशीट कर दिया जाए।

उन्होंने वरीय पदाधिकारियों को विधि व्यवस्था की स्थिति देखने के लिए महीने में एक बार अचानक रात्रि भ्रमण करने का सुझाव दिया, ताकि पुलिस की गतिविधियों व वस्तु स्थिति का आकलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति हथियार लेकर चलने की हिम्मत कैसे कर रहा है इसको देखें।
उन्होंने कहा कि संप्रदायिक तनाव की घटना कहीं न हो, महिला की सुरक्षा में कमी न हो, शराबबंदी अभियान के अंतर्गत लगातार कार्रवाई जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी अभियान के कारण सुबे में दूध एवं सब्जी की बिक्री बढ़ गई है। आंकड़े बता रहे हैं कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब छोड़ दी। इसका पुनः सर्वेक्षण कराया जाएगा तो संख्या और बढ़ेगी, इस अभियान से बिहार का विकास होगा।
एनआईसी दरभंगा से आयुक्त दरभंगा प्रमंडल दरभंगा मनीष कुमार, जिलाधिकारी राजीव रौशन,आईपीएस विक्रम सिंहाम,आयुक्त के सचिव देवेंद्र प्रसाद तिवारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय कुमार, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता एवं उत्पाद अधीक्षक ओम प्रकाश उपस्थित थे।
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