मधुबनी। सड़क व रेलमार्ग के अतिरिक्त भारत और नेपाल अब कमला नदी के तटबंधों से भी जुड़ जाएंगे। जल संसाधन मंत्री संजय झा इसका श्रीगणेश करने शनिवार को जयनगर पहुंचे।
मंत्री श्री झा अनुमंडल मुख्यालय में भारतीय भूभाग में स्थित कमला बलान नदी के बाएं और दाएं तटबंध को नेपाल के भूभाग में स्थित कमला नदी के बाएं और दाएं तटबंध से जोड़ने की योजना का कार्यारंभ करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया।
16 करोड़ 28 लाख 63 हजार 106 रुपये की लागत से होने वाले तटबंध जोड़ने के कार्य का आज शुभारंभ करते हुए श्री झा ने कहा, दोनों देश के तटबंधों के आपस मे जुड़ जाने से बाढ़ की समस्या के समाधान सहित सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी।1800 मीटर लंबाई में दोनों तरफ तटबंध के निर्माण कार्य पर 16 करोड़ खर्च होंगे।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-टू के कार्यपालक अभियंता कुमुद रंजन ने बताया
कमला बलान नदी के दाएं तटबंध में 600 मीटर और बाएं तटबंध में 1210 मीटर में नए तटबंध का निर्माण कर नेपाली भूभाग में स्थित बांध से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। संवेदक गोपालगंज के मेसर्स शक्ति कुमार को बनाया गया है।
इससे पहले जल संसाधन मंत्री श्री झा ने जयनगर में इंडो नेपाल बॉर्डर के निकट कमला नजदीक दाएं व बायें तटबंध को नेपाली क्षेत्र में कमला के दोनों तटबंधों को जोड़ने के कार्य का कार्यारम्भ किया।
उन्होंने बताया कि दोनों देश के तटबंधों के आपस मे जुड़ जाने से बाढ़ की समस्या के समाधान सहित सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी।1800 मीटर लंबाई में दोनों तरफ तटबंध के निर्माण कार्य पर 16 करोड़ खर्च होंगे। मंत्री ने जयनगर में कमला वीयर के निकट 405 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन बराज के चल रहे कार्यों का स्थल निरीक्षण किया व अभियंताओं से जानकारी ली। मौके पर क्षेत्रीय विधायक अरुण शंकर प्रसाद व जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियन्ता सहित स्थानीय अनुमंडल प्रशासन के अधिकारी साथ थे।
बाढ़ से निजात, सिचाई क्षमता में वृद्धि
भारतीय भूभाग में स्थित तटबंध को नेपाली भूभाग में स्थित तटबंध से जोड़ने का कार्य पूरा हो जाने पर दोनों देशों की बड़ी आबादी को जहां बाढ़ से निजात मिल सकेगी। वहीं, सिचाई क्षमता में वृद्धि होने से किसानों को भी समुचित लाभ मिल सकेगा। अनुमान के मुताबिक, भारतीय भूभाग में लगभग 50 हजार की आबादी को बाढ़ से निजात मिल सकेगी। वहीं, नेपाल के सिरहा और धनुषा जिले की बड़ी आबादी भी इस योजना से लाभान्वित होगी।
तटबंध से 28 हजार हेक्टेयर भूमि की होगी सुरक्षा
तटबंध के निर्माण में कुछ जमीन भी अधिग्रहण किया गया है। वहीं, नो मेंस लैंड पर कार्य करने के लिए दोनों देशों के संबंधित अधिकारियों द्वारा औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। तटबंध का निर्माण हो जाने से भारत-नेपाल सीमा पर पांच हेक्टेयर फसल सहित 28 हजार हेक्टेयर भूमि को बाढ़ से बचाया जा सकेगा। जल संसाधन मंत्री संजय झा की पहल पर दशकों से अपेक्षित इस कार्य के प्रारंभ होने से सीमावर्ती क्षेत्र के दोनों देशों के नागरिकों में खुशी का माहौल है।